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जगन्नाथ चौधरी

जगन्नाथ चौधरी

कार्यकाल
1957 से 1972

कार्यकाल
1984 से 1989

जन्म 1 जनवरी 1925
ग्राम कठौंड़ा, बलिया, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 31 दिसंबर 1999
राष्ट्रीयता भारतीय

जगन्‍नाथ चौधरी (1 जनवरी 1925 – 31 दिसंबर 1999) एक भारतीय राजनेता थे। वह बलिया जिले के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं में से एक रहे हैं। चौधरी उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 215 - सिकन्‍दरपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। और चिलकहर विधानसभा से दो बार विधायक चुने गए साथ ही साथ एक बार विधानसभा परिषद सदस्य पिछड़ाा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष [1]

इसके बाद 1984 के लोकसभा चुनाव मे चन्द्रशेखर को हराकर वह बलिया से सांसद बने।[2]

जीवनी

जगन्नाथ चौधरी का जन्म बलिया जनपद के कठौंड़ा गांव के एक जमींदार परिवार में रामलगन चौधरी के छोटे पुत्र के रूप में 1 जनवरी 1925 को हुआ। वह जमीं से जुड़े क्षेत्र के सरपंच के रूप में अपने जीवन की शुरुआत किए। वह सरपंच के बाद क्षेत्र की जनता ने 57 में बलिया जनपद के सिकंदरपुर विधानसभा से विधायक चुने गए। दूसरी बार भी चुनाव में सिकंदरपुर की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुना। इसके बाद पुन: चिलकहर की जनता ने दो बार अपना विधायक बनाया। एक बार चौधरी ने उप्र विधान परिषद के सदस्य एवं उप्र हार्टिको के अध्यक्ष के रूप में सरकार में सेवा करने का मौका मिला। बलिया लोकसभा से 1984 में चुनाव जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वह एक मात्र जनप्रतिनिधि रहे जिन्होंने सरकार में सिंचाई एवं कृषि मंत्री रहते हुए क्षेत्र में नहरों का जाल बिछाया। लोकसभा की रहनुमाई के दरमियान शिक्षा, दूरदर्शन, विद्युतीकरण, कृषि-विज्ञान केंद्र, ओवरब्रीज व रेल लाइन के दोहरीकरण के बीज वपन संबंधी घनेरों कार्य गवाही दे रहे है। चौधरी जी गांधी परिवार के बहुत ही प्रिय और करीब थे राजीव गांधी जी के करीब इंदिरा गांधी जी करीब जवाहरलाल नेहरु जी करीब वर्ष के अंत और नये वर्ष के प्रारंभ मिलन बिंदु 31 दिसंबर 1999 की रात को ब्रह्मलोक को पधार गए।[3]

सन्दर्भ

  1. उत्तर प्रदेश विधान सभा
  2. "बलिया संसदीय क्षेत्र: कभी नहीं फहरा भगवा व नीला परचम". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 6 अगस्त 2018.
  3. "अप्रतिम विकास पुरूष थे जगन्नाथ चौधरी- Amarujala". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 6 अगस्त 2018.