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जगत सिंह प्रथम

मेवाड, राजस्थान के शिशोदिया राजवंश के शासक थे। इन्होंने पिछोला झील में जगमन्दिर महल का निर्माण करवाया था तथा जगदीश मन्दिर (पंचायतन शैली) बनवाया इन्होने मन्दिर में जगन्नाथ राय प्रशस्ती लगवाईं। इन्होंने मोहन मन्दिर व स्वरूप तालाब बनवाया।इनके काल में शाहजहां ने प्रतापगढ़ को मेवाड़ से अलग कर दिया था। इनके पूर्वजों की तरह ही ये भी मुगलों के विरोधी थे। इनका विवाह मारवाड़ की राजघराने में हुआ था। इनकी दो मुस्लिम रानियां भी थी जिनमें से एक उड़ीसा के नवाब की पुत्री मरियम थीं।

मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के शासक
(1326–1948 ईस्वी)
राणा हम्मीर सिंह(1326–1364)
राणा क्षेत्र सिंह(1364–1382)
राणा लखा(1382–1421)
राणा मोकल(1421–1433)
राणा कुम्भ(1433–1468)
उदयसिंह प्रथम(1468–1473)
राणा रायमल(1473–1508)
राणा सांगा(1508–1527)
रतन सिंह द्वितीय(1528–1531)
राणा विक्रमादित्य सिंह(1531–1536)
बनवीर सिंह(1536–1540)
उदयसिंह द्वितीय(1540–1572)
महाराणा प्रताप(1572–1597)
अमर सिंह प्रथम(1597–1620)
करण सिंह द्वितीय(1620–1628)
जगत सिंह प्रथम(1628–1652)
राज सिंह प्रथम(1652–1680)
जय सिंह(1680–1698)
अमर सिंह द्वितीय(1698–1710)
संग्राम सिंह द्वितीय(1710–1734)
जगत सिंह द्वितीय(1734–1751)
प्रताप सिंह द्वितीय(1751–1754)
राज सिंह द्वितीय(1754–1762)
अरी सिंह द्वितीय(1762–1772)
हम्मीर सिंह द्वितीय(1772–1778)
भीम सिंह(1778–1828)
जवान सिंह(1828–1838)
सरदार सिंह(1838–1842)
स्वरूप सिंह(1842–1861)
शम्भू सिंह(1861–1874)
उदयपुर के सज्जन सिंह(1874–1884)
फतेह सिंह(1884–1930)
भूपाल सिंह(1930–1948)
नाममात्र के शासक (महाराणा)
भूपाल सिंह(1948–1955)
भागवत सिंह(1955–1984)
महेन्द्र सिंह(1984–वर्तमान)