जगजीत सिंह अरोड़ा
| जगजीत सिंह अरोड़ा | |
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जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुए पाकिस्तान के जनरल ए ए के नियाजी | |
| जन्म | 13 फ़रवरी 1916 कला गुजरन, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
| देहांत | 3 मई 2005 (उम्र 89) नई दिल्ली भारत |
| निष्ठा | |
| सेवा/शाखा | |
| सेवा वर्ष | 1939–1973 |
| उपाधि | |
| दस्ता | 2 पंजाब रेजिमेंट (1 9 47 तक) पंजाब रेजिमेंट (1 9 47 के बाद) |
| नेतृत्व | |
| युद्ध/झड़पें | बर्मा अभियान, द्वितीय विश्व युद्ध 1 9 47 भारत-पाकिस्तान युद्ध चीन-भारत युद्ध भारत-पाकिस्तान युद्ध 1 9 65 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध |
| सम्मान | परम विशिष्ट सेवा पदक पद्म भूषण |
जगजीत सिंह अरोड़ा (13 फरवरी, 1916 – 3 मई 2005) भारतीय सेना के तीन-सितारा जनरल थे जिन्होने बंगलादेश मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय वे पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमाण्डिंग-इन चीफ थे। भारत सरकार द्वारा उन्हें सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
जीवन परिचय
जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा का जन्म १३ फरवरी १९१६ में झेलम जिले के काला गुजराँ में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। ०१ जनवरी, 1939 को उन्हें 2 पजांब रेजीमेंट की 5 बटालियन में कमीशन मिला था। बाद में उन्होंने आईएमए में 1 पैरा की कमान संभाली और क्वेटा के स्टाफ कॉलेज में पाकिस्तान के राष्ट्रपति, जनरल याहया खां उनके सहपाठी थे।