छात्रवृत्ति
छात्रवृत्ति (scholarship) एक प्रकार की आर्थिक सहायता को कहते हैं, जिसे विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा में आर्थिक रूप से सहायता एवं [[मानसिक स्वास्थ्य|मानसिक रूप से प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाती है। इसे प्रदान करने का आधार मुख्य रूप से मेधावी अथवा निर्धन विद्यार्थियों से होता है। इसके जारी करे मेंधावी छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वे अपनी पढ़ाई किसी बड़े विद्यालय में कर सकते हैं, एवं ऐसे छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं, उन्हें भी इस सहायता के कारण पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं आती है।
यह एक प्रकार की सहायता होती है, इस कारण जहां शिक्षा हेतु लिए गए ऋण को लौटाना होता है, वहीं इसे लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। आगे की अच्छी पढ़ाई ही इसके उद्देश्य को पूर्ण कर देती है। इसे प्रदान करने का एक उद्देश्य यह भी होता है कि इससे वे विद्यार्थी अपने क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के साथ ही आगे चल कर कुछ अच्छा कार्य करेंगे।
प्रकार
योग्यता आधारित
इस आधार पर योग्य विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जिन्हें उनकी पिछली परीक्षा में बहुत ही अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं। इनके द्वारा भविष्य में भी अच्छे अंक मिलने की संभावना अधिक होती है, इस कारण कई विश्वविद्यालयों द्वारा योग्यता के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इससे उनके द्वारा अच्छे अंक मिलने पर वे काफी अच्छे स्थान पर नौकरी कर सकते हैं या किसी अच्छे कंपनी का निर्माण कर सकते हैं, जिससे विश्वविद्यालय या कॉलेज का काफी प्रचार होता है।
आवश्यकता आधारित
इस आधार पर मुख्य रूप से निर्धन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। निर्धनता के कारण अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाना काफी कठिन होता है, ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा कई सारी योजनाएँ चलाई जाती हैं, जिससे निर्धन परिवार के लोग भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और उनके क्षेत्रों में गरीब परिवारों के बच्चों अच्छी जगह नौकरी कर सकें और अपना व्यापार भी कर सकें, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
राज्य व केंद्र सरकार दोनों ही इन छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन करती है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को सेंट्रल सेक्टर स्कॉलरशिप स्कीम के नाम से जाना जाता है। वही यदि हम राज्य प्रायोजित योजनाओं की बात करें तो यह किसी राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य के भीतर ही संचालित की जाती है।