चौरी चौरा
चौरी चौरा Chauri Chaura | |
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चौरी चौरा का शहीद स्मारक | |
चौरी चौरा उत्तर प्रदेश में स्थिति | |
निर्देशांक: 26°39′04″N 83°34′52″E / 26.651°N 83.581°Eनिर्देशांक: 26°39′04″N 83°34′52″E / 26.651°N 83.581°E | |
ज़िला | गोरखपुर ज़िला |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 13,210 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
चौरी चौरा (Chauri Chaura) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर ज़िले में स्थित एक क़स्बा है। यह वास्तव में दो ग्रामों - चौरी (Chauri) और चौरा (Chaura) - का सम्म्लित क्षेत्र है।[1][2]
जनगणना
सन् 2011 की भारत जनगणना केअनुसार चौरी गाँव में 9,028 लोग और चौरा गाँव में 4,182 लोग बसे हुए थे, यानि मिश्रित क्षेत्र की आबादी 13,210 थी।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान काण्ड
चौरी चौरा में 4 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने बिट्रिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे। इस घटना को चौरीचौरा काण्ड के नाम से जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप गांधीजी ने कहा था कि हिंसा होने के कारण असहयोग आन्दोलन उपयुक्त नहीं रह गया है और उसे वापस ले लिया था। चौरी चौरा की इस घटना से महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये असहयोग आन्दोलन को आघात पहुँचा, जिसके कारण उन्हें असहयोग आन्दोलन को स्थागित करना पड़ा, जो बारदोली, गुजरात से शुरू किया जाने वाला था। ब्रिटिश सरकार ने इस घटना के बाद, 19 लोगों को पकड़कर उन्हें फाँसी दे दी थी, और उनकी याद में यहाँ एक शहीद स्मारक आज खड़ा है।[3]
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- चौची चौरा डॉट कॉम - चौरीचौरा को समर्पित सम्पूर्ण जालस्थल
सन्दर्भ
- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
- ↑ "चौरीचौरा कांड ने ही बनाया था भगत-राजगुरु और सुखदेव को गरम दल का क्रांतिकारी - दैनिक भास्कर". मूल से 1 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 दिसंबर 2017.