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चौरंगा

चौरंगा फिल्म

चौरंगा एक हिन्दी फ़िल्म है। यह भारतीय लेखक-निर्देशक बिकास रंजन मिश्रा की पदार्पण फ़िल्म है जिसके निर्माता ओनिर और संजय सूरी ने किया।[1] फ़िल्म का विकास पठकथा लेखन लैब में हुआ जिसका आयोजन लोकार्नो फ़िल्म महोत्सव और बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के भाग स्क्रिप्टस्टेशन ऑफ़ बेर्लिनाले टेलेंट कैम्पस के साथ नेशनल फ़िल्म डेवल्पमेंट कोर्पोरेशन ने किया।[2] फ़िल्म को १६वें मुम्बई फ़िल्म महोत्सव में सुनहरा प्रवेशद्वार मिला।[3]

फ़िल्म का प्रारंभिक प्रदर्शन २०१४ के साथ वैश्विक स्तर पर ८ जनवरी २०१६ को जारी किया गया।[4]

पटकथा

चौदह वर्ष का एक दलित लड़का (सोहम मैत्र) भारत के एक बेनाम जगह में पल-बढ़ रहा है। उसका सपना अपने बड़े भाई  (ऋद्धि सेन) की तरह कस्बे के विद्यालय में जाकर पढ़ना है। उसकी वास्तविकता यह है कि उसे अपने पारिवारिक कार्य के अनुसार सुवरों की देखभाल करनी पड़ती है। उसका पलायन एक जामुन के पेड़ के ऊपर बैठना और अपनी विश्वसनीय प्रेमिका (एना साहा) को स्कूटर पर घुमाना है। उसका मौन प्यार उतना ही सच्चा है जितना उसकी माँ की बेबसी, जो एक स्थानीय दिग्गज की हवेली की गोशाला में सफाई का काम करती है तथा उसके साथ उसके गुप्त सम्बंध भी हैं। जब उस लड़के का बड़ा भाई छुट्टियों में गाँवा आता है तो वो अपने छोटे भाई के के सम्मोह के बारे में जान लेता है। शिक्षित बड़े भाई ने उसे अपने प्यार की अभिव्यक्ति करने के लिए ऐहसास करवाता है तथा उसे एक प्रेम पत्र लिखने में सहायता करता है।

कलाकार

  • सोहम मैत्र - संतु
  • एना साहा - मोना
  • ऋद्धि सेन - बजरंगी
  • संजय सूरी - धवल
  • तन्निष्ठा चटर्जी - धानिया
  • धृतिमन चटर्जी - अंधा पुजारी
  • स्वातिलेखा सेनगुप्ता - धवल की माँ
  • अप्रिता पाल - निधि
  • अंशुमन झा - रघु

विकास

बिकास मिश्रा की पटकथा को नेशनल फ़िल्म डेवल्पमेंट कोर्पोरेशन ने वर्ष २०१० में लोकार्नो फ़िल्म महोत्सव द्वारा आयोजित पठकथा लेखन लैब के लिए चुना। इसी पटकथा को बाद में बर्लिनाले टेलेंट कैम्पस स्क्रिप्तस्टेशन प्रोग्राम के लिए चुना गया। एम्सटर्डम कलात्मक निर्देशक मार्टीन राबर्ट्स ने इसके लिए बिकास सिन्हा से सम्पर्क किया।[5]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ