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चेकोस्लोवाकिया

चेकोस्लोवाकिया
Československo, Česko‑Slovensko

 

1918–1992
 

1920 से ध्वज

राष्ट्रिय ध्येय
Pravda vítězí
("सत्य जीतेगा"; 1918–1990; चेक भाषा)
Pravda zvíťazí
("सच जीतेगा"; 1918–1990; स्लोवाकी भाषा)
Veritas vincit
("सच जीतेगा"; 1990–1992; लातिनी भाषा)
राष्ट्रगान
Kde domov můj और Nad Tatrou sa blýska
चेकोस्लोवाकिया का मानचित्र में स्थान
राजधानीप्राग (प्राहा)
भाषाएँचेक और स्लोवाकी
शासनगणतंत्र
राष्ट्रपति
 -  1918–1935 तोमाश मासारिक (Tomáš G. Masaryk, पहला)
 - 1989–1992 वाक्लाव हावेल (Václav Havel, अंतिम)
प्रधान मंत्री
 - 1897–1919 कारेल क्रामार (Karel Kramář)
 - 1992 यान स्त्रासकी (Jan Stráský)
इतिहास
 - आज़ादी 28 अक्टूबर 1918
 - जर्मन क़ब्ज़ा1939
 - जर्मन क़ब्ज़े से मुक्ति 1945
 - बंटवारा31 दिसम्बर 1992
क्षेत्रफल
 - 1921 1,40,446 किमी ² (54,227 वर्ग मील)
 - 1993 1,27,900 किमी ² (49,382 वर्ग मील)
जनसंख्या
 -  1921 est. 1,36,07,385 
     


घनत्व

96.9 /किमी ²  (250.9 /वर्ग मील)
 -  1993 est. 1,56,00,000 
     


घनत्व

122 /किमी ²  (315.9 /वर्ग मील)
मुद्राचेकोस्लोवाकी कोरुना
इंटरनेट टीएलडी.cs
दूरभाष कूट+420
वर्तमान ISO 3166-3 कोड:        CSHH
1996 की सर्दियों में 42 दूरभाष कोड ख़त्म कर दिया गया। उसमें आने वाले दूरभाष नंबरों को नए सिरे से चेक गणतंत्र, स्लोवाकिया और लिक्टेन्स्टाइन में बांट दिया गया।
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चेकोस्लोवाकिया मध्य यूरोप में स्थित एक देश हुआ करता था जो अक्टूबर 1918 से 1992 तक अस्तित्व में रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1939 से 1945 के एक अंतराल में इसका ज़बरदस्ती जर्मनी में विलय कर दिया गया इसलिए वास्तविकता में यह देश उस ज़माने में अस्तित्व में नहीं था, हालांकि औपचारिक रूप से मित्रपक्ष शक्तियाँ तब भी इसे मान्यता देती रहीं। 1945 में सोवियत संघ ने इसके एक पूर्वी हिस्से को चेकोस्लोवाकिया से अलग करके अपने क्षेत्र का भाग बना लिया। शीत युद्ध काल में चेकोस्लोवाकिया पर साम्यवाद (कोम्युनिस्ट) शासन रहा और यह देश सोवियत संघ के नेतृत्व में गठित वारसा संधि के मित्रपक्ष में शामिल था। सोवियत संघ के टूटने पर 1990 में यहाँ भी साम्यवाद ख़त्म हो गया। धीरे-धीरे देश के दो मुख्य समुदायों - चेक और स्लोवाक - के बीच तनाव बढ़ता रहा और लगने लगा कि वे एक राष्ट्र में मिलकर नहीं रह पाएँगे। 1992 में रायशुमारी (लोगों का विभाजन के प्रश्न पर सीधा मतदान) की गई और जनता ने देश को बांटने का फ़ैसला चुना। 1 जनवरी 1993 को देश बिना किसी हिंसा के दो अलग राष्ट्रों में बाँट गया जिन्हें चेक गणतंत्र और स्लोवाकिया के नामों से जाना जाता है। विश्व में अन्य देशों के हुए विभाजनों की तुलना में यह बंटवारा इतने कोमल और शांतिपूर्वक ढंग से हुए कि इस घटना को इतिहासकार और समीक्षक कभी-कभी 'मख़मली तलाक़' कहते हैं।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Building Peace: Practical Reflections from the Field, Craig Zelizer, Kumarian Press, 2009, ISBN 978-1-56549-286-8, ... 1992 – Velvet Divorce, Czechoslovakia peacefully separates ...