चील नीहारिका

चील नीहारिका (अंग्रेजी: Eagle nebula, ईगल नॅब्युला) सर्प तारामंडल में स्थित नवजात तारों का एक खुला तारागुच्छ है जिसके इर्द-गिर्द एक चील की आकृति की नीहारिका फैली हुई है। इसी निहारिका में "सृष्टि के स्तम्भ" नामक क्षेत्र है जिसकी तस्वीरें हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने ली थीं और विश्व-भर में प्रसिद्ध हो गई। चील निकरिका की खोज झ़ों-फ़ीलीप द शेसो (Jean-Philippe de Cheseaux, 'झ़' के उच्चारण का ध्यान रखें) ने सन् १७४५-४६ में की थी। चील नीहारिका पृथ्वी से लगभग ६,५०० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है।[1] इसमें स्थित सबसे रोशन तारे का मैग्नीट्यूड +८.२४ है और यह दूरबीन के द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। इसे मॅसिये वस्तुओं की सूची में भी शामिल किता गया था, जहाँ इसका नामांकन मॅसिये १६ (M16) है।
चील नीहारिका दृश्य
 चील नीहारिका के "सृष्टि के स्तम्भ" नामक क्षेत्र की हबल द्वारा ली गई तस्वीर चील नीहारिका के "सृष्टि के स्तम्भ" नामक क्षेत्र की हबल द्वारा ली गई तस्वीर
 अधोरक्त (इन्फ़्रारेड) प्रकाश की ली गई तस्वीर में स्तंभों का दृश्य अधोरक्त (इन्फ़्रारेड) प्रकाश की ली गई तस्वीर में स्तंभों का दृश्य
 चील नीहारिका के शिखर का चित्र चील नीहारिका के शिखर का चित्र
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Space, Alan Dyer, Simon and Schuster, 2007, ISBN 978-1-4169-3860-6.