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चितराल जैन स्थापत्य

चितराल जैन स्थापत्य
Chitharal Jain Temple
சிதறால் மலைக் கோவில்
चितराल जैन स्थापत्य
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताजैन धर्म
देवतातीर्थंकर
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिचितराल गाँव
नगर निकायमारताण्डम
ज़िलाकन्याकुमारी ज़िला
राज्यतमिल नाडु
देश भारत
चितराल जैन स्थापत्य is located in तमिलनाडु
चितराल जैन स्थापत्य
तमिल नाडु में स्थान
भौगोलिक निर्देशांक8°19′40″N 77°14′36″E / 8.3279°N 77.2433°E / 8.3279; 77.2433निर्देशांक: 8°19′40″N 77°14′36″E / 8.3279°N 77.2433°E / 8.3279; 77.2433
वास्तु विवरण
स्थापितप्रथम शताब्दी ईसापूर्व
निर्माण पूर्णछठी शताब्दी ईसवी
मंदिर संख्या2

चितराल जैन स्थापत्य (Chitharal Jain Monuments), जिन्हें चितराल मलई कोविल (Chitharal Malai Kovil) अर्थात "चितराल पहाड़ी मंदिर", चितराल गुफा मंदिर (Chitharal Cave Temple) और चितराल भगवती मंदिर (Chitharal Bhagwathi Temple) भी कहा जाता है, भारत के तमिल नाडु राज्य में चितराल (Chitharal) गाँव में स्थित हैं। यहाँ स्थित पहाड़ियों को चोक्कनतूंगी पहाड़ियाँ कहा जाता है और यह स्थापत्य उनमें से एक, तिरुचनट्टू मलई (Thiruchanattu Malai), पहाड़ी पर स्थित हैं।[1][2][3]

विवरण

यह एक प्राकृतिक गुफा है, जिसमें दीवारो व चट्टानों को तराशकर उच्चावच प्रतिमाएँ और मूर्तियाँ बनाई गई हैं। कई जैन धर्म के तीर्थंकरों की हैं। इसमें कई फनों वाले नाग से रक्षित पार्श्वनाथ और पद्मावती और एक यक्ष के उच्चावच हैं। अर्ध-पद्मासन में बैठे कई तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ हैं। केन्द्रीय स्थान में भगवान महावीर की आकृति है, जिनके ऊपर एक वृक्ष और आसपास कई सेवक हैं। अम्बिका और उड़ते हुए विद्याधरों की आकृतियाँ हैं, जिनके नीचे तमिल लिपि में किसी दान देने वाले का नाम है। 13वीं शताब्दी में इसमें हिन्दू तत्व भी सम्मिलित करे गए और इसे भगवती का मंदिर भी बनाया गया। केन्द्रीय मंदिर का गोपुरम (शिखर) समभवत: बिजली गिरने के कारण नष्ट हो चुका है।[3][4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Anon (2005). Tourist Guide to South India. Sura Books. pp. 128–129.
  2. Rangarajan, H; Kamalakar, G; Reddy, AKVS; Venkatachalam, K (2001). Jainism: Art, Architecture, Literature & Philosophy. Sharada. p. 43.
  3. Nagarajan, Saraswathy (17 November 2011). "On the southern tip of India, a village steeped in the past". The Hindu. अभिगमन तिथि 23 March 2017.
  4. Shah, Umakant P (1987). Jaina Iconography. Abhinav Publications. पृ॰ 251.