चिंगदाओ-हाइवान सेतु
चिंगदाओ-हाइवान सेतु | |
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निर्देशांक | 36°10′12″N 120°17′54″E / 36.169913°N 120.298305°Eनिर्देशांक: 36°10′12″N 120°17′54″E / 36.169913°N 120.298305°E |
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | [1] |
वहन | सड़क परिवहन |
पार | जिआओझोउ खाड़ी |
स्थान | चिंगदाओ और हुआंग्दाओ जिला, चीन |
लक्षण | |
डिज़ाइन | रज्जु कर्षण सेतु |
सामग्री | कांक्रीट |
कुल लम्बाई | ४१.५८ किमी |
इतिहास | |
डिज़ाइनर | शान्दोंग गाओसू समूह |
निर्माण पूर्ण | आरम्भिक २०११ |
खुला | ३० जून २०११ |
सांख्यिकी | |
दैनिक ट्रैफिक | ३०,००० अनुमानित |
चिंगदाओ-हाइवान सेतु (मन्दारिन: 胶州湾大桥) पूर्वी चीन के शान्दोंग प्रान्त में स्थित एक सेतु है। यह सेतु जिआओझोउ खाड़ी से होकर गुजरता है और हुआंग्दो जिले, चिंगदाओ नगर और होंग्दाओ द्वीप को आपस में जोड़ता है। इस सेतु पर तीन प्रवेश-निकास मार्ग हैं। यह सेतु ३० जून २०११ को खोला गया था और इसने चिंगदाओ और हुआंग्दो के मध्य सड़क की दूरी को बहुत कम कर दिया है। इस सेतु की लम्बाई ४२.५ किमी है जो इसे विश्व का सबसे लम्बा समुद्री सेतु बनता है और यह २०११ की स्थिति तक गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार सबसे लम्बा पुल है। इसकी तुलना में मुम्बई में स्थित बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु मात्र ५.५ किमी लम्बा है।
निर्माण
इस पुल को बनने में मात्र चार वर्षों का समय लगा और इसके निर्माण में कुल १०,००० लोग लगे हुए थे। इस पुल का डिज़ाइन शान्दोंग गाओसू समूह ने बनाया था औत इस पुल पर कुल ४,५०,००० टन इस्पात और २३ लाख घन मीटर कांक्रीट का उपयोग किया गया था। इस पुल का डिज़ाइन इस प्रकार का है कि यह भूकम्पों, चक्रवातों और जहाज़ों की टक्कर को झेल सके। यह सेतु ५,००० स्तम्भों पर समर्थित है और डॅक की चौड़ाई ३५ मीटर है जिसपे कुल छः लेनें और दो शोल्डर बने हुए हैं और इस पुल की कुल निर्माण लागत १० अरब यूआन (१.५ अरब अमेरिकी डालर) है।
बाहरी कड़ियाँ
- दुनिया के सबसे लम्बे समुद्री पुल को मिला ग्रीन सिग्नल - दैनिक भास्कर
- China eröffnet längste Meeresbrücke der Welt - Bericht auf Spiegel Online mit Fotos vom 30. Juni 2011 (जर्मन)