चाचा भतीजा
| चाचा भतीजा | |
|---|---|
|  चाचा भतीजा का पोस्टर | |
| निर्देशक | मनमोहन देसाई | 
| लेखक | सलीम-जावेद | 
| निर्माता | बलदेव पुष्करणा एम॰ एम॰ मल्होत्रा | 
| अभिनेता | धर्मेन्द्र, हेमामालिनी, रणधीर कपूर, योगिता बाली | 
| संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल | 
| प्रदर्शन तिथि | 1977 | 
| देश | भारत | 
| भाषा | हिन्दी | 
चाचा भतीजा 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह सलीम-जावेद द्वारा लिखित और मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशित है। यह 1977 की मनमोहन देसाई की साल की चार बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी (अन्य थीं धर्मेन्द्र ही अभिनीत धरम वीर, परवरिश और अमर अकबर एन्थोनी)। यह धर्मेन्द्र (धरम वीर के बाद) के साथ उनकी दूसरी फिल्म थी। चाचा भतीजा में धर्मेन्द्र, रणधीर कपूर, रहमान, हेमामालिनी, योगिता बाली, जीवन और सोनिया साहनी हैं।
संक्षेप
तेजा (रहमान) अपने परिवार, पत्नी सीता, भाई शंकर (धर्मेन्द्र) और एक बेटे सुन्दर (रणधीर कपूर) के साथ रहता है। परिवार खुशी से रहता है। सीता की मृत्यु के बाद हालात और भी बदतर हो जाते हैं। तेजा पुनर्विवाह करना चाहता है और अब उसकी नई पत्नी सोनिया है, जो अपने भाई लक्ष्मीदास (जीवन) के साथ उनके घर पर उनके साथ रहने आती है। उनको तेजा की संपत्ति को हथियाने का कुटिल एजेंडा है। शादी के तुरंत बाद, गलतफहमी पैदा होती है और शंकर को घर छोड़ने के लिए कहा जाता है।
इन गलतफहमियों में सुन्दर शामिल हैं, जिसे भी तेजा द्वारा घर छोड़ने के लिए कहा जाता है। वह सोचता है कि उसका भाई और बेटा उसकी नवविवाहित पत्नी सोनिया के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। कुछ सालों के बाद, सुन्दर जालसाज बन गया है और शंकर काले बाजार में लिप्त है। चाचा शंकर और भतीजा सुन्दर दोनों एक दूसरे की पहचान जाने बिना मिलते हैं और टकराव हो जाता है। जब उन्हें एहसास होता है कि वे रिश्तेदार हैं, तो वे सोनिया को बेनकाब करने का फैसला करते हैं। वह तेजा की आँखें खोलते हैं, जो सोनिया के प्यार से पूरी तरह से अंधे हैं।
मुख्य कलाकार
- धर्मेन्द्र ― शंकर
- हेमामालिनी ― माला
- रणधीर कपूर ― सुन्दर
- योगिता बाली ― पिंकी
- रहमान ― रणबीर सिंह तेजा
- अनवर हुसैन ― गुल ख़ान
- इन्द्रानी मुखर्जी ― सीता
- जीवन ― लक्ष्मीदास
- रूपेश कुमार ― किरन
- सोनिया साहनी ― सोनिया
- देव कुमार ― टोनी
- दुर्गा खोटे ― श्रीमती डी' सिल्वा
- केष्टो मुखर्जी ― केष्टो
संगीत
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
| क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि | 
|---|---|---|---|
| 1. | "बुरे काम का बुरा नतीजा" | मोहम्मद रफ़ी, शैलेन्द्र सिंह | 4:39 | 
| 2. | "माँ ने कहा था ओ बेटा" | शैलेन्द्र सिंह | 6:26 | 
| 3. | "जीने के लिये" | किशोर कुमार | 4:40 | 
| 4. | "हे लल्ला हे रे लल्ला" | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले, शैलेन्द्र सिंह | 6:42 | 
| 5. | "तेरे शीशे का सामान" | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेश्कर | 4:35 | 
| 6. | "भूत राजा बाहर आजा" | आशा भोंसले | 5:49 | 
| 7. | "बाल्टी को तोड़ दे" | लता मंगेशकर | 2:54 | 
नामांकन और पुरस्कार
| प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम | 
|---|---|---|---|
| केष्टो मुखर्जी | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | नामित |