चश्म-ए-बद दूर
चश्म-ए-बद दूर उत्तर भारत, पाकिस्तान और ईरान में कहा जाने वाले एक सूत्रवाक्य है जो इन क्षेत्रों की लोक-विश्वास में बुरी नज़र से बचने के लिए प्रयोग होता है। इसका अर्थ है "बुरी नज़र दूर हट"।[1]
शब्दोत्पत्ति
यह मूल रूप से फ़ारसी से लिया गया है, हालांकि फ़ारसी और संस्कृत दोनों के हिन्द-ईरानी भाषा परिवार के सदस्य होने की वजह से इसमें कुछ सजातीय शब्द हैं -
- चश्म का अर्थ है "आँख" या "नज़र" - यह संस्कृत के "चक्षु" शब्द का सजातीय शब्द है और हिन्दी के "चश्मा" (यानि आँखों की ऐनक) शब्द में भी पाया जाता है
- बद का अर्थ है "बुरा" या "बुरी" - यह "बदतमीज़", "बदक़िस्मत", "बदबू", "बदसूरत" जैसे सैंकड़ों हिन्दी शब्दों में इस्तेमाल होता है
- दूर का अर्थ संस्कृत और फ़ारसी में एक ही है
"चश्म-ए-बद" का मतलब हुआ "बुरी नज़र"। "चश्म-ए-बद दूर" (چشمِ بد دور) का अर्थ हुआ "बुरी नज़र दूर (हो)"।
लोक संस्कृति में
भारतीय उपमहाद्वीप में यह सूत्रवाक्य कई जगहों पर लिखा नज़र आता है, जैसे के गाड़ियाँ, घर, दुकाने, वग़ैरह ; उदाहरण के लिए 'बुरी नज़र वाले तेरा मुँह काला' जैसे वाक्य। यह कई फ़िल्मों में भी प्रयोग हो चुका है, जैसे कि 1981 में बनी "चश्म-ए-बद्दूर" ही नाम की फ़िल्म और सन् 1961 की फ़िल्म "ससुराल" का गाना "तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को किसी की नज़र न लगे, चश्म-ए-बद दूर"।[2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Hindustani Manual Archived 2015-04-01 at the वेबैक मशीन, Phillott Douglas Craven, BiblioLife, 2009, ISBN 978-1-110-78714-2, ... Chashm-i bad dur 'far be the evil eye' ...
- ↑ Love Songs from Bollywood Films, Kajal Varma, Star Publications, 2007, ISBN 978-1-905863-14-3, ... Teri pyari-pyari surat ko ...