चलावयव
कार्बनिक यौगिकों के उन संरचनात्मक समावयवों को चलावयव (Tautomers) कहते हैं जो आसानी से परस्पर परिवर्तित हो जाते हैं। [1][2][3] इस क्रिया में अधिकतर प्रोटॉन का पुनर्विन्यास होता है। यद्यपि यह एक जटिल कॉन्सेप्ट है किन्तु चलावयवता अमीनो अम्लों एवं न्युक्लिक अम्लों]] के सन्दर्भ में बहुत महत्व रखती है क्योंकि दोनों ही जीवन के मूलभूत निर्माण-इकाई हैं।
सन्दर्भ
- ↑ Antonov L (2013). Tautomerism: Methods and Theories (1st संस्करण). Weinheim: Wiley-VCH. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-527-33294-6.
- ↑ Smith MB, March J (2001). Advanced Organic Chemistry (5th संस्करण). New York: Wiley Interscience. पपृ॰ 1218–1223. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-58589-0.
- ↑ Katritzky AR, Elguero J, एवं अन्य (1976). The Tautomerism of heterocycles. New York: Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-12-020651-X.