चलते चलते (2003 फ़िल्म)
चलते चलते | |
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चलते चलते का पोस्टर | |
निर्देशक | अज़ीज़ मिर्जा |
कहानी | अज़ीज़ मिर्जा रोबिन भट्ट |
निर्माता | जूही चावला शाहरुख़ ख़ान अज़ीज़ मिर्जा |
अभिनेता | शाहरुख़ ख़ान, रानी मुखर्जी, सतीश शाह, लिलेट दुबे, जॉनी लीवर |
संगीतकार | जतिन-ललित आदेश श्रीवास्तव |
प्रदर्शन तिथियाँ | 13 जून, 2003 |
लम्बाई | 168 minutes |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
चलते चलते 2003 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसको अज़ीज़ मिर्जा ने निर्देशित किया और मुख्य कलाकार शाहरुख़ ख़ान और रानी मुखर्जी हैं। फिल्म में पहले प्रमुख अभिनेत्री के रूप में ऐश्वर्या राय को लिया गया था लेकिन कोई विवाद के चलते उन्हें फिर हटा दिया गया। फिल्म सफल रही थी और 2003 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है। साथ ही ये ड्रीमज़ अनलिमिटेड की पहली सफल फिल्म थी।
संक्षेप
दोस्तों का एक समूह सलीम के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है। इस बीच, दीपक अपनी मंगेतर शीतल के साथ आता है। जब प्यार के बारे में बातचीत उत्पन्न होती है, दीपक और बाकी शीतल को बताते हैं कि सच्चा प्यार होता है। वे उन्हें राज (शाहरुख खान) और प्रिया (रानी मुखर्जी), उनके दो सबसे करीबी दोस्तों की कहानी बताते हैं। राज माथुर राज ट्रांसपोर्ट का मालिक है। राज असंगठित और आलसी व्यक्ति है। हालांकि वह सबसे अमीर नहीं है, वह हमेशा खुश रहता है। दूसरी ओर, प्रिया चोपड़ा एक सफल फैशन डिजाइनर है जिसका परिवार काफी अमीर है। प्रिया मूल रूप से ग्रीस से है अपनी मौसी ऐना के साथ रहती हैं, जो उसे जीवन में सर्वश्रेष्ठ (धन और सफलता) देना चाहती हैं। प्रिया के जीवन में सभी योजनाएं हैं - राज के पूर्ण विपरीत। ये दो पूरी तरह से अलग लोग कार दुर्घटना में मिलते हैं, जब प्रिया की कार राज के ट्रक में दुर्घटनावश टकरा गई। वे सलीम और फराह की शादी में फिर से मिलते हैं और अंत में दोस्त बन जाते हैं। दोनों प्यार में धीरे-धीरे पड़ते हैं। राज ने प्रिया का फोन नंबर प्राप्त किया लेकिन लापरवाही से उसे खो दिया। फिर वह उसे ढूंढने ने निकलता है और उसे ढूंढता है। हालांकि, राज जान जाता है कि प्रिया की सगाई हो चुकी है। लेकिन वह ग्रीस में प्रिया का अनुसरण करता है, जहां वह उसे लुभाने जारी रखता है। जब विदा का समय होता है, तब प्रिया को पता चलता है कि वह राज से प्यार करती है। प्रिया के माता-पिता को मनाने के बाद वे शादी कर लेते हैं, और मुंबई पहुंचते हैं, जहां राज प्रिया का उसके घर में स्वागत करता है।
वर्तमान में वापस: शीतल की आँख में आँसू हैं, क्योंकि उसने कभी और अधिक सुंदर कहानी नहीं सुनी। सलीम फराह के साथ आता है और बताता है कि आज राज और प्रिया की शादी की पहली सालगिरह है, इसलिए वे एक पार्टी की योजना बना रहे हैं। उत्साहित, शीतल प्रसिद्ध राज और प्रिया से मिलने के लिए उत्सुक है। लेकिन जब वे पहुंचते हैं, तो वे वैसे नहीं लगते जैसा सोचा था। एक साल में राज और प्रिया दोनों बदल गए हैं और दोनों बहस करना बंद नहीं करते। जब उन्हें कुछ सामान्य खुशी मिलती है, तो यह लंबे समय तक नहीं टिकती। राज प्रिया के परिवार की उम्मीदों को पूरा करने का दबाव महसूस करता है और वित्तीय रूप से संघर्ष कर रहा है। उसकी कंपनी दिवालिया हो गई है और उसके पास भुगतान करने के लिए कई बिल और ऋण हैं। जब उसे बैंक के अधिकारी द्वारा अपमानित किया जाता है, तो वह घर रोते हुए लौटता है।
प्रिया इस हाल में अपने पति को नहीं देख पाती और पैसे अपने पूर्व मंगेतर से लेती है। जब राज उसे पैसे के स्रोत के बारे में पूछता है, तो वह झूठ बोलती है। लेकिन जब वह एक उत्सव पार्टी देता है, तो वह सच जान जाता है। प्रिया पे गुस्से में वह बहुत कुछ कह देता है और प्रिया दिल मार कर अपने माता-पिता के पास चली जाती है। राज, अपनी गलती को समझते हुए प्रिया के पास जाता है, लेकिन उसे उसके परिवार द्वारा अपमानित किया जाता है। प्रिया ग्रीस वापिस जाने का फैसला करती है। जब राज को इसके बारे में सूचित किया जाता है, तो वह प्रिया को रोकने के लिए हवाई अड्डे पर दौड़ता है जैसा कि उसने पहले किया था। वह कहता है कि वह बदल जाएगा और उसके पास एक परिवार एक साथ शुरू करने का सपना है। यद्यपि प्रिया ने व्यक्त किया कि उसके पास भी एक ही सपना है, उससे लगता है कि उनका एक साथ रहना असंभव है, इसलिए वह विमान में बैठ जाती है। जब राज घर वापिस पहुँचाता है तो प्रिया उसका वहाँ इंतजर कर रही होती है। वह कहती है कि अपना सपना सच करने का एकमात्र तरीका एक साथ होना है। एक चंचल तरीके से, दोनों एक और बहस करते हैं लेकिन वे कहते हैं कि इस तरह वे अपने प्यार को व्यक्त करते हैं। फिल्म संपन्न होती लेकिन वह बहस जारी रखते हैं।
मुख्य कलाकार
- शाहरुख़ ख़ान - राज माथुर
- रानी मुखर्जी - प्रिया चोपड़ा
- सतीश शाह - मनुभाई
- जय श्री टी - मिसेज़ मनुभाई
- राजीव वर्मा - प्रिया के पिता
- लिलेट दुबे - ऐना मौसी
- जमील ख़ान - ट्रैफिक पुलिस
- जॉनी लीवर - नंदू
संगीत
सभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित।
क्र॰ | शीर्षक | संगीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "चलते चलते" | जतिन-ललित | अभिजीत, अलका याज्ञनिक | 6:33 |
2. | "तौबा तुम्हारे ये इशारे" | जतिन-ललित | अभिजीत, अलका याज्ञनिक | 5:15 |
3. | "लाई वी ना गई" | आदेश श्रीवास्तव | सुखविंदर सिंह | 5:44 |
4. | "गुमशुदा" | आदेश श्रीवास्तव | सोनू निगम | 5:01 |
5. | "डगरिया चलो" | जतिन-ललित | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 6:16 |
6. | "चलते चलते" | जतिन-ललित | वाद्य संगीत | 4:57 |
7. | "तुझपर गगन से" | आदेश श्रीवास्तव | सुखविंदर सिंह | 5:23 |
8. | "सुनो ना सुनो ना" | आदेश श्रीवास्तव | अभिजीत | 5:20 |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2004 | रानी मुखर्जी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |
अभिजीत ("सुनो ना सुनो ना") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
अलका याज्ञनिक ("तौबा तुम्हारे ये इशारे ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
जावेद अख्तर ("तौबा तुम्हारे ये इशारे ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
जतिन-ललित | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित |