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चर आवृत्ति ड्राइव

छोटे-बड़े आकार के तरह-तरह के चर-आवृत्ति-ड्राइव
VFD का कार्ड (HitachiJ100A)

चर आवृत्ति ड्राइव (Variable Frequency Drive / VFD / VSD) एक प्रकार का परिवर्तनशील चाल ड्राइव है जो एसी मशीनों की चाल बदलने के लिये आजकल बहुतायत में प्रयोग की जाती है। चाल बदलने के लिये यह ड्राइव, मोटर को दी जाने वाली विद्युत-शक्ति का वोल्टता और आवृत्ति दोनो को साथ-साथ बदलता है (केवल वोल्टेज को नहीं)। प्राय: वोल्टता और आवृत्ति के अनुपात को नियत रखा जाता है। (constant v/f).

लाभ

ऊर्जा की बचत

बहुत से मोटर जिनको नियत आवृत्ति की सप्लाई से चलाया जाता है, यदि उनको परिवर्ती आवृत्ति ड्राइव से चलाया जाय तो कम ऊर्जा खर्च होती है। उदाहरण के लिए परिवर्ती-बलाघूर्ण वाले सेंट्रिपीटल पंखों एवं पम्पों में VFD से सप्लाई देने से ऊर्जा की विशेष बचत होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन लोडों का बलाघूर्ण एवं शक्ति क्रमशः चाल के वर्ग एवं चाल के घन के समानुपाती होती है। इसका मतलब यह है कि थोड़ी सी चाल घटाने से बलाघूर्ण में बहुत कम कमी आती है जबकि शक्ति में बहुत अधिक कमी आ जाती है। उदाहरण के लिए 63% चाल पर एक मोटर केवल 25% शक्ति खाती है। विशेष बात यह है कि विश्व की कुल ऊर्जा खपत का 60-65% बिजली की खपत मोटरों में होती है जिसका 75% परिवर्ती-बलाघूर्ण वाले पंखे, पंप, कम्प्रेशर आदि हैं। इसलिए यदि इनको नियत आवृत्ति से सप्लाई न करके परिवर्ती आवृत्ति ड्राइव से सप्लाई करें तो बहुत भारी मात्रा में ऊर्जा की बचत होगी।

बेहतर नियंत्रण

एसी ड्राइव्स का उपयोग उद्योगों में अनेकों प्रक्रमों (त्वरण, वेग, प्रवाह, दाब, ताप, तनाव, बलाघूर्ण आदि) को नियंत्रित करने के लिए होता है। अच्छे नियंत्रण से अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद प्राप्त होते हैं। अतः कह सकते हैं कि परिवर्ती आवृत्ति ड्राइव से प्रकमों को बेहतर नियंत्रित करके बेहतर उत्पाद बनाने या कम लागत में उत्पाद बनाने में मदद मिलती है।

नियत-चाल वाले मोटरों में प्रायः मोटर को स्टार्ट करते समय बहुत अधिक बलाघूर्ण पैदा होता है और मोटर में बहुत अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है। ये धारा फुल-लोद धारा के ८ गुना तक हो सकते हैं। एसी ड्राइव के प्रयोग से इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है जिससे मोटर की आयु बढ़ जाती है।

इसके अलावा परिवर्ती आवृत्ति ड्राइव से वह काम भी किया जा सकता है जो नियत आवृत्ति सप्लाई से सम्भव ही नहीं है। उदाहरण के लिए किसी मोटर को एक विशेष पैटर्न में चलाना हो तो यह VFD से ही सम्भव है। उदाहरण के लिए कनवेयर को त्वरित और मन्दित करते समय S-वक्र पैटर्न का उपयोग करके झटकों तथा अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है।

बेहतर विवरण
किसी भी उद्योग के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ऊर्जा एवं संचालन के सभी तथ्य समयानुसार एक विस्तृत जानकारी के भाग में संचालक को बताए जा सकें। ड्राइव के उपयोग से सभी प्रकार की जानकारी को एक साथ सम्मिलित करन बहुत सरल हो जाता है। ड्राइव को पी. अल. सी. Archived 2022-10-13 at the वेबैक मशीन से जोड़कर बहुत प्रकार की जानकारी सरलता से एकत्रित करी जाती हैं जो की उद्योग संचालन में म्हटपूर्ण योगदान देती हैं।
अन्य लाभ
  • कम चाल पर बहुत लम्बे समय तक चला पाना
  • चार-चतुर्थांश आपरेशन (four-quadrant operation)

नीचे की तालिका में एसी तथा डीसी ड्राइव की कुछ पैरामीटरों के आधार पर तुलना की गई है-

ड्राइव का प्रकारDCAC VFDAC VFDAC VFDAC VFD
कन्ट्रोल प्लेटफॉर्मब्रशयुक्त DCV/Hz कंत्रोलवेक्टर कंट्रोलवेक्टर कंट्रोलवेक्टर कंट्रोल
Control criteriaClosed-loopOpen-loopOpen-loopClosed-loopOpen-loop w. HFI^
MotorDCIMIMIMInterior PM
Typical speed regulation (%)0.0110.50.010.02
Typical speed range at constant torque (%)0-10010-1003-1000-1000-100
Min. speed at 100% torque (% of base)Standstill8%2%StandstillStandstill (200%)
Multiple-motor operation recommendedNoYesNoNoNo
Fault protection (Fused only or inherent to drive)Fused onlyInherentInherentInherentInherent
Maintenance(Brushes)LowLowLowLow
Feedback deviceTachometer or encoderN/AN/AEncoderN/A

^ उच्च आवृत्ति इंजेक्शन

चर-आवृत्ति ड्राइव के प्रमुख भाग

चर-आवृत्ति ड्राइव प्रणाली के मुख्यतः तीन भाग होते हैं-

  • मोटर
  • चर-आवृत्ति तथा चर वोल्टता प्रदान करने वाला शक्ति-कन्वर्टर
  • आपरेटर इंटरफेस
चर आवृत्ति ड्राइव के प्रमुख भाग
एक विशेष प्रकार के चर आवृत्ति ड्राइव के शक्तिदायी स्टेज का परिपथ आरेख

बाहरी कड़ियाँ