चमेली
चमेली | |
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Jasminum officinale—Common Jasmine | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
प्रकार जाति | |
Jasminum officinale L. | |
Species | |
More than 200, see List of Jasminum species[1][2][3] | |
पर्यायवाची[4] | |
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चमेली (Jasmine) का फूल झाड़ी या बेल जाति से संबंधित है, इसकी लगभग २०० प्रजाति पाई जती हैं। "चमेली" नाम संस्कृत शब्द चम्पवेल्लि से बना है।
चमेली, जैस्मिनम (Jasminum) प्रजाति के ओलिएसिई (Oleaceae) कुल का फूल है। भारत से यह पौधा अरब के मूर लोगों द्वारा उत्तर अफ्रीका, स्पेन और फ्रांस पहुँचा। इस प्रजाति की लगभग 40 जातियाँ और 100 किस्में भारत में अपने नैसर्गिक रूप में उपलब्ध हैं। यह भारत में प्रमुख रूप से पाया जाता है। जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख और आर्थिक महत्व की हैं:
1. जैस्मिनम ऑफिसनेल लिन्न., उपभेद ग्रैंडिफ्लोरम (लिन्न.) कोबस्की जै. ग्रैंडिफ्लारम लिन्न. (J. officinale Linn. forma grandiflorum (Linn.) अर्थात् चमेली।
2. जै. औरिकुलेटम वाहल (J. auriculatum Vahl) अर्थात् जूही।
3. जै. संबक (लिन्न.) ऐट. (J. sambac (Linn.) ॠत्द्य.) अर्थात् मोगरा, वनमल्लिका।
4. जै. अरबोरेसेंस रोक्स ब.उ जै. रॉक्सबर्घियानम वाल्ल. (J. Arborescens Roxb. syn. J. roxburghianum Wall.) अर्थात् बेला।
हिमालय का दक्षिणावर्ती प्रदेश चमेली का मूल स्थान है। इस पौधे के लिये गरम तथा समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु उपयुक्त है। सूखे स्थानों पर भी ये पौधे जीवित रह सकते हैं। भारत में इसकी खेती तीन हजार मीटर की ऊँचाई तक ही होती है। यूरोप के शीतल देशों में भी यह उगाई जा सकती है। इसके लिये भुरभुरी दुमट मिट्टी सर्वोत्तम है, किंतु इसे काली चिकनी मिटृटी में भी लगा सकते हैं। इसे लिए गोबर पत्ती की कंपोस्ट खाद सर्वोत्तम पाई गई है। पौधों को क्यारियों में 1.25 मीटर से 2.5 मीटर के अंतर पर लगाना चाहिए। पुरानी जड़ों की रोपाई के बाद से एक महीने तक पौधों की देखभाल करते रहना चाहिए। सिंचाई के समय मरे पौधों के स्थान पर नए पौधों को लगा देना चाहिए। समय-समय पर पौधों की छँटाई लाभकर सिद्ध हुई है। पौधे रोपने के दूसरे वर्ष से फूल लगन लगते हैं। इस पौधे की बीमारियों में फफूँदी सबसे अधिक हानिकारक है।
आजकल चमेली के फूलों से सौगंधिक सार तत्व निकालकर बेचे जाते हैं। आर्थिक दृष्टि से इसका व्यवसाय विकसित किया जा सकता है। चमेली एक सुगंधित फूल है, जिसके महक मात्र से लोग मोहित हो जाते हैं़ इस फूल से बहुत सारी दवाइयां बनायी जाती हैं, जो सिर दर्द, चक्कर, जुकाम आदि में काम आता है़ और इसका प्रयोग आमतौर पर शुभप्रसंगों और धार्मिक क्रियाकांडो जैसे अवसर पर किया जाता है
सन्दर्भ
- ↑ "Jasminum". Index Nominum Genericorum. International Association for Plant Taxonomy. मूल से 20 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-06-03.
- ↑ "10. Jasminum Linnaeus". Chinese Plant Names. 15: 307. मूल से 15 मई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-06-03.
- ↑ UniProt. "Jasminum". अभिगमन तिथि 2008-06-03.
- ↑ USDA, ARS, National Genetic Resources Program. "Jasminum L." Germplasm Resources Information Network, National Germplasm Resources Laboratory. मूल से 26 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि November 22, 2011. Italic or bold markup not allowed in:
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(मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)