चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण इस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है।[1] ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण चन्द्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।[2] चन्द्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसन्धियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चाँद के इस रूप को 'ब्लड मून' भी कहा जाता है।[3] चन्द्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है।
किसी सूर्यग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चन्द्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चन्द्रग्रहण [4]की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चन्द्रग्रहण को, सूर्यग्रहण के विपरीत, आँखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है।
इन्हें भी देखें
- ग्रहण (Lunar eclipse)
- सूर्यग्रहण (Solar Eclipse)
सन्दर्भ
- ↑ "Century's longest lunar eclipse July 27".
- ↑ "चंद्रग्रहण 2019 जुलाई की सम्पूर्ण जानकारी". मूल से 4 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2019.
- ↑ "... और चांद लाल या हल्का भूरा रंग होता है".
- ↑ "Grahan 2024 Time and Date in India: इस साल इन दिनों पर लगेगा ग्रहण जान ले तारिक - Globalwebtrend". globalwebtrend.com. 2024-1-27. मूल से 27 जनवरी 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-1-27.
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