घराना (1989 फ़िल्म)
घराना | |
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घराना का पोस्टर | |
निर्देशक | के॰ रवि शंकर |
लेखक | अबरार अलवी ज्ञानदेव अग्निहोत्री |
निर्माता | के॰ रवि शंकर |
अभिनेता | ऋषि कपूर, गोविंदा, जया प्रदा, मीनाक्षी शेषाद्रि , नीलम |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ | 2 दिसंबर, 1989 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
घराना 1989 की भारतीय बॉलीवुड फिल्म है।[1] इसका निर्माण और निर्देशन के. रविशंकर ने किया है। इसमें ऋषि कपूर, गोविंदा, जया प्रदा, मीनाक्षी शेषाद्रि और नीलम प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
संक्षेप
प्रेम मेहरा (श्रीराम लागू) एक अमीर, दयालु और उदार व्यक्ति हैं। वह अपनी पत्नी लक्ष्मी (तनुजा), एक बेटी और दो बेटों, विजय (ऋषि कपूर) और रवि (गोविंदा) के साथ एक महलनुमा घर में रहते हैं। धरमदास (प्रेम चोपड़ा) प्रेम का दुश्मन है और उसने प्रेम की तिजोरी से कुछ अनमोल हीरे चुराने के लिए गैंगस्टर और प्रेम के एक कर्मचारी (एकाउंटेंट) को काम पर रखा। इस चोरी से प्रेम पर चोरी का आरोप आ जाता है। उसे अपनी सारी संपत्ति खोनी पड़ती है। प्रेम और उसका परिवार अपने समर्पित और वफ़ादार कर्मचारी, रहीम (सत्येन्द्र कपूर) के साथ रहने लगते हैं। विजय को एक समाचार-रिपोर्टर की नौकरी मिल जाती है, जबकि रवि अपनी पढ़ाई जारी रखता है।
प्रेम की बेटी की शादी में मुश्किल आती है क्योंकि वह अब सात लाख रुपये का दहेज नहीं दे सकता है। प्रेम को एक दौरा पड़ता है जिससे वह लकवाग्रस्त हो जाता है। राधा (मीनाक्षी शेषाद्रि) विजय की सहकर्मी है। दोनों को प्यार हो जाता है और वे अपने-अपने परिवार का आशीर्वाद लेते हैं ताकि वे शादी कर सकें। लेकिन इससे पहले कि वे शादी कर पाते, विजय अचानक राधा से सारे रिश्ते तोड़ देता है और उसकी जगह अपने मालिक श्रद्धा (सुषमा सेठ) की इकलौती बेटी नैना (जया प्रदा) से शादी कर लेता है। इससे उसके परिवार और राधा को यह पता चल जाता है कि उसने धन के लिए इस लड़की से शादी की है। मामले को और भी बदतर बनाने के लिए रवि ललिता (नीलम) से शादी करना चाहता है। वो कोई और नहीं बल्कि धरमदास की बेटी है।
मुख्य कलाकार
- ऋषि कपूर — विजय मेहरा
- गोविंदा — रवि मेहरा
- मीनाक्षी शेषाद्रि — राधा
- जया प्रदा — नैना
- नीलम — ललिता
- तनुजा — लक्ष्मी मेहरा
- श्रीराम लागू — प्रेम मेहरा
- सत्येन्द्र कपूर — रहीम
- शक्ति कपूर — दुर्लभ
- प्रेम चोपड़ा — धरमदास
- असरानी — नटवर
- अरुणा ईरानी — नटवर की सहायिका
- सुषमा सेठ — श्रद्धा
- दारा सिंह — विजय सिंह पहलवान
- युनुस परवेज़ — सिन्हा
- शेखर सुमन — अजीत सिन्हा
- भारत भूषण — राधा के पिता
- रमेश देव — प्रेम महरा के मुंशी
संगीत
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तेरे डैडी ने दिया मुझे परमिट" | अमित कुमार, अल्का यागनिक | 5:17 |
2. | "धक धक जियरा करे सावन बरसे" | मोहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 6:00 |
3. | "ख़ुशी का है मौका" | अनुराधा पौडवाल | 4:57 |
4. | "सितम हमपे कर ले" | मोहम्मद अज़ीज़, सुरेश वाडकर | 4:40 |
5. | "बजती क्यों है मेरे दिल की ये बेल" | अमित कुमार, अल्का यागनिक | 5:32 |
सन्दर्भ
- ↑ "नीतू कपूर से मांगी मीनाक्षी शेषाद्रि ने माफी, कहा- मुझे उनसे मिलना चाहिए था..." TV9 भारतवर्ष. 18 नवम्बर 2022. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2023.