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ग्वालियर व्यापार मेला

ग्वालियर मेले में झूले।

ग्वालियर व्यापार मेला ग्वालियर में आयोजित किया जाने वाला उत्तर भारत में एक बड़ा व्यापार मेला है। इसकी शुरुआत 1905 में ग्वालियर के तत्कालीन राजा, महाराज माधोराव सिंधिया ने की थी। आज यह एशिया का सबसे बड़ा व्यापार मेला है।

स्थान

मेला 104 एकड़ (0.42 कि॰मी2) में फैला हुआ हाई और कई ब्लाक और सेक्टरों में बँटा हुआ है। रेसकोर्स रोड पर स्थित मेला ग्राउंड को मध्य प्रदेश का प्रगति मैदान भी मानते हैं। ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण हर वर्ष इस मेले का आयोजन करता है।[1]

आकर्षण

मेले के प्रमुख आकर्षण हास्य कवि सम्मेलन, क़व्वाली दंगल, मुशायरे, शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत रात्रियाँ, और कई अन्य गतिविधियाँ मेले का अभिन्न अंग हैं।

पशु व्यापार मेला मेले का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसमें हर साल लगभग 10,000 जानवरों को बेचा या खरीदा जाता है।

शिल्प बाज़ार ग्वालियर व्यापार मेले का एक सुंदर आकर्षण है। इस बाजार में, विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित चीजें पूरे भारत के लोगों द्वारा बेची जाती हैं।

कई आकर्षक व सुसज्जित झूले, दुकानें एवं विभिन्न प्रकार के सर्कस ग्वालियर मेले में सभी को आकर्षित करते हैं।

संदर्भ

  1. "About Gwalior Trade Fair". मूल से 24 September 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 July 2013.

बाहरी कड़ियाँ