ग्रीष्म निष्क्रियता
ग्रीष्म निष्क्रियता पश्वों की निष्क्रियता की स्थिति है, जो शीतनिष्क्रियता के समान है, यद्यपि शीतर्तु के बजाय ग्रीष्मर्तु में होती है। ग्रीष्म निष्क्रियता की विशेषता कम चयापचय दर है, जो उच्च तापमान और शुष्क परिस्थितियों के प्रतिक्रिया में की जाती है। [1]
अकशेरुकीय और कशेरुकी प्राणी उच्च तापमान से होने वाले क्षति और शुष्कता के विपद् से बचने हेतु इस अवस्था में प्रवेश करने हेतु जाने जाते हैं। स्थलीय और जलीय दोनों प्रकार के जन्तु इससे गुज़रते हैं।
सन्दर्भ
- ↑ Miller, William Charles (2007). Trace Fossils: Concepts, Problems, Prospects. Elsevier. पृ॰ 206. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-444-52949-7.