ग्रिगरी जिनव्येव
जिनव्येव ग्रिगरी एपिसएविच् (रूसी : Григо́рий Евсе́евич Зино́вьев, IPA: [ɡrʲɪˈɡorʲɪj zʲɪˈnovʲjɪf] ; वास्तविक उपाधि 'रादमीस्लस्कि' ; १८८३ - १९३६) बोलशेविक क्रांतिकारी तथा सोवियत साम्यवादी दल के प्रमुख कार्यकर्ता तथा राजनेता थे।
परिचय
जिनव्येव का जन्म एक छोटे पूँजीपति परिवार में हुआ था। सन् १९०१ में रूसी समाजवादी जनतंत्र (सोशल डेमोक्रेटिक) दल में सम्मिलित हुए और १९०३ में बोलशेविकों के दल में सम्मिलित हो गए। सन् १९०७ में दल की केंद्रीय समिति के सदस्य निर्वाचित हुए। अप्रैल, १९०८ से १९१७ तक विदेश में प्रवासी के रूप में रहे। उस समय दल के 'प्रतिहारी' (सर्वहारा) तथा 'समाजवादी जनतंत्र' नामक पत्रों के संपादकमंडल में कार्य करते थे। सन् १९१७ की अक्टूबर क्रांति के ठीक एक दिन पूर्व ये उस क्रांति की सफलता पर संदेह प्रकट कर तत्कालीन पूँजीवादी सरकार के विरुद्ध विद्रोह करनेवाले पेत्रोग्राद के श्रमिक तथा सेना की तैयारी के विरोध में खड़े हो गए। सन् १९१७ से लेकर १९२६ तक ये सरकार तथा दल में महत्वपूर्ण पद सँभालते रहे। कई बार लेनिन के राजनीतिक मत का विरोध भी किया। साम्यवादी दल में एक विरोधी दल के साथ १९२५ से योगदान कर दल की कार्रवाई का विरोधी दल के साथ १९२५ से योगदान कर दल की कार्रवाई का विरोध करने लगे। सन् १९२६ में लियो त्रात्सकी के साथ होकर दल के विरुद्ध आचरण करने लगे। १९२७ में इन्हें दल से निष्कासित कर दिया गया। दो बार-सन् १९२८ तथा १९३३ में इन्हें दल में सम्मिलित किया गया। किंतु १९३२ तथा १९३४ में पुन: पार्टी के कार्य का विरोध करने पर ये निष्कासित कर दिए गए।
दल तथा सोवियत सरकार का विधिविरुद्ध विरोध करने पर इन्हें गिरफ्तार कर सन् १९३६ में मृत्युदंड दे दिया गया।