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गोविन्द मिश्र

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गोविन्द मिश्र
जन्म 1 अगस्त 1939
उत्तर प्रदेश
नागरिकताभारत,[1] ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य Edit this on Wikidata
शिक्षाइलाहाबाद विश्वविद्यालय Edit this on Wikidata
पेशालेखक Edit this on Wikidata
प्रसिद्धि का कारणकोहरे में कैद रंग Edit this on Wikidata
पुरस्कारसरस्वती सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार,[2] व्यास सम्मान Edit this on Wikidata

गोविन्द मिश्र (जन्म- १ अगस्त १९३९) हिन्दी के जाने-माने कवि और लेखक हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, भारतीय भाषा परिषद कलकत्ता, साहित्य अकादमी दिल्ली तथा व्यास सम्मान द्वारा गोविन्द मिश्र को उनकी साहित्य सेवाओं के लिए सम्मानित किया जा चुका है। अभी तक उनके १० उपन्यास और १२ कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा-वृत्तांत, बाल साहित्य, साहित्यिक निबंध और कविता-संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। अनेक विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं पर शोध हुए हैं। वे पाठ्यक्रम की पुस्तकों में शामिल किए गए हैं, रंगमंच पर उनकी रचनाओं का मंचन किया गया है और टीवी धारावाहिकों में भी उनकी रचनाओं पर चलचित्र प्रस्तुत किए गए हैं।

जीवन परिचय

गोविन्द मिश्र के पिता का नाम माधव प्रसाद मिश्र तथा माता का नाम सुमित्रा देवी मिश्रा था। उनका बचपन गाँव के प्राकृतिक वातावरण में व्यतीत हुआ। उनकी माँ अध्यापिका थीं, जिनसे मध्यवर्गीय कुलीनता से संस्कार सहज ही उन्होंने ग्रहण किए। गुरू देवेन्द्रनाथ खरे से उन्होंने साहित्यिक संस्कार पाए। उनके आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गंगा सिंह हाईस्कूल चारबारी में हुई। नौवीं से बारहवीं की पढ़ाई बाँदा के डी.ए.वी. स्कूल तथा राजकीय इंटर कॉलेज में हुई। दोनो परीक्षाओं में ही उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्नातक की उपाधि के लिए वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए जहाँ उन्होंने संस्कृत साहित्य, मध्यकालीन इतिहास और अंग्रेज़ी साहित्य के साथ यह उपाधि प्राप्त की। उन्होंने १९५७ में हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की और १९५९ में (अंग्रेजी साहित्य में) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। परीक्षा पास करते ही वे सेंट एंड्रू कॉलेज गोरखपुर में प्राध्यापक बन गए। लगभग एक साल तक वहाँ काम करने के बाद वे अतर्रा डिग्री कालेज में विभागाध्यक्ष बनकर आ गए। इसके साथ ही वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी करते रहे। १९६० में पहले ही प्रयत्न में वे चुन लिए गए और १९६१ में उनकी पहली नियुक्ति धनबाद में हुई। कर्म के क्षेत्र में उन्होंने जिस ईमानदारी और कार्य कुशलता का परिचय दिया उसने उन्हें राजस्व सेवा के सर्वोच्च पद अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तक पहुँचाया। इसके बाद वे केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के निदेशक भी बने और १९९७ में सेवानिवृत्त हुई।[3] गोविन्द मिश्र ने १९६३ से नियमित लेखन के संसार में प्रवेश किया जो अभी तक निर्बाध गति से जारी है।

प्रकाशित कृतियाँ

  • उपन्यास - वह अपना चेहरा, उतरती हुई धूप, लाल पीली जमीन, हुजूर दरबार, तुम्हारी रोशनी में, धीर समीरे, पाँच आंगनों वाला घर, फूल... इमारतें और बन्दर, कोहरे में कैद रंग[4], धूल पौधों पर।
  • कहानी संग्रह - नये पुराने माँ-बाप, अंत:पुर, धांसू, रगड़ खाती आत्महत्यायें, मेरी प्रिय कहानियाँ, अपाहिज, खुद के खिलाफ, खाक इतिहास, पगला बाबा, आसमान कितना नीला, स्थितियाँ रेखांकित, (साठ के बाद की हिन्दी कहानी का संकलन सम्पादित) हवाबाज, मुझे बाहर निकालो।
  • यात्रा-वृत्तान्त - धुंध भरी सुर्खी, दरख्तों के पार... शाम, झूलती जड़ें, परतों के बीच और यात्राएं ...
  • साहित्यिक निबंध - साहित्य का संदर्भ, कथा भूमि, संवाद अनायास, समय और सर्जना
  • बाल साहित्य - कवि के घर में चोर-राधाकृष्ण प्रकाशन, मास्टर मन्सुखराम, आदमी का जानवर
  • कविता - ओ प्रकृति माँ
  • विविध - मुझे घर ले चलो (सभी विधाओं का प्रतिनिधि संकलन, लेखक की जमीन-अलग-अलग समय पर दिये गये साक्षात्कारों का संकलन, अर्थ ओझल (भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित प्रमुख बीस कहानियों का संग्रह), दस प्रतिनिधि कहानियाँ, चर्चित कहानियाँ, निर्झरिणी (दो खण्डों में सम्पूर्ण कहानियों का संकलन, प्रतिनिधि कहानियाँ, मेरे साक्षात्कार, चुनी हुई रचनाएँ-तीन खंडों में।[5]

पुरस्कार व सम्मान

गोविन्द मिश्र अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत सम्मानित किया गया है। उनके उपन्यास लाल पीली जमीन को ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया द्वारा, हुजूर दरबार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के प्रेमचन्द पुरस्कार द्वारा, उपन्यास धीर समीरे को भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता द्वारा, उपन्यास कोहरे में कैद रंग को साहित्य अकादमी द्वारा तथा उपन्यास पाँच आँगनों वालो घर को व्यास सम्मान द्वारा सम्मानित किया गया है। वे भारत सरकार के सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत जर्मनी, चेकोस्लोवाकिया और हंगरी की यात्रा करते हुए हाइडिलबर्ग विश्वविद्यालय को सम्बोधित कर चुके हैं। इसी दौरान उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक कहानी का पाठ भी किया। वे त्रिनिदाद और टोबैगो में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन के लिए भारत के प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे। वे मॉरीशस की हिन्दी प्रसारणी सभा की स्वर्ण जयन्ती में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। उनकी फांस और गलत नम्बर जैसी कहानियाँ दूरदर्शन पर प्रस्तुत की गई हैं। ख्यातिप्राप्त थियेटर ग्रुप - अनामिका द्वारा कलकत्ता में उनकी पाँच कहानियों का मंचन भी किया गया है। दृष्टांत शीर्षक के अन्तर्गत उनकी तेरह कहानियों पर सीरियल दूरदर्शन दिल्ली द्वारा प्रस्तुत किया जा चुका है। उनके विषय में सुप्रसिद्ध हिन्दी और मराठी आलोचक डॉ॰ चन्द्रकान्त वांदिवडेकर द्वारा सम्पादित गोविन्द मिश्र सृजन के आयाम नाम पुस्तक प्रकाशित हुई है, जिसमें वरिष्ठ लेखकों द्वारा लेखक के सृजनकर्म का विस्तृत आकलन, किया गया है। निर्झरिणी नाम से दो विशाल खंडों में गोविन्द मिश्र की सम्पूर्ण कहानियों का संग्रह नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ है। उन्हें अपने समग्र साहित्यिक योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा २००१ का 'सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान' भी प्रदान किया गया है। उनके उपन्यास तुम्हारी रोशनी में और धीर समीरे का गुजराती में, पाँच आंगनों वाला घर का गुजराती और मराठी में अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। उनकी विभिन्न कहानियाँ दूसरी भाषाओं जैसे अँग्रेजी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ में अनूदित हुई हैं।

उनके उपन्यास 'धूल पौधों पर' के लिए वर्ष 2013 का सरस्वती सम्मान प्रदान किया गया। वह 1991 में डॉ हरिवंश राय बच्चन के बाद इस सम्मान को प्राप्त करने वाले हिन्दी के दूसरे रचनाकार है। यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी।

सन्दर्भ

  1. http://catalogue.bnf.fr/ark:/12148/cb13339615k. अभिगमन तिथि 26 मार्च 2017. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  2. http://sahitya-akademi.gov.in/awards/akademi%20samman_suchi.jsp#KASHMIRI. अभिगमन तिथि 7 मार्च 2019. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  3. "गोविन्द मिश्र के उपन्यासों का विश्लेषणात्मक अध्ययन (ऑनलाइन थीसिस)". महात्मा गांधी विश्वविद्यालय (ऑनलाइन थीसिस लाइब्रेरी. अभिगमन तिथि २४ दिसंबर २००८. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  4. "कोहरे में कैद रंग". भारतीय साहित्य संग्रह. मूल (पीएचपी) से 12 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २४ दिसंबर २००८. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. "गोविन्द मिश्र". हिन्दी नेस्ट. मूल से 1 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २४ दिसंबर २००८. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ