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गोमट्टसार

गोमट्टसार सर्वाधिक महत्वपूर्ण जैन ग्रन्थों में से एक है। इसके रचयिता नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती हैं।

गोमट्टसार जिसे जिवकाण्ड भी कहते है, इसे आचार्य नेमिचन्द्र जी द्वारा षट्खण्डागम के सार के रूप मे लिखा गया है ।

जो कि गोम्मटगिरि मे लिखे जाने के कारण गोमट्टसार कहलाया।