गोपी किशन
गोपी किशन | |
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गोपी किशन का पोस्टर | |
निर्देशक | मुकेश दुग्गल |
लेखक | अनीस बज्मी |
निर्माता | मुकेश दुग्गल |
अभिनेता | सुनील शेट्टी, करिश्मा कपूर, शिल्पा शिरोडकर |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ | 2 दिसंबर, 1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
गोपी किशन 1994 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन कॉमेडी फिल्म है। इसे मुकेश दुग्गल ने निर्देशित किया है। इसमें सुनील शेट्टी डबल भूमिका में है, जिसे शिल्पा शिरोडकर और करिश्मा कपूर द्वारा समर्थित किया गया है। अन्य कलाकारों में सुरेश ओबेरॉय, अरुणा ईरानी, मोहन जोशी, शम्मी शामिल हैं। यह फिल्म के. भाग्यराज की हिट तमिल फिल्म अवसर पुलिस 100 की रीमेक है।
संक्षेप
किशन (सुनील शेट्टी), एक अपराधी है जो हत्या के लिए 14 साल की कारावास पूरी करने के बाद घर लौटता है। किशन ने अपने बचपन में एक आदमी को मारा था, जब वह उसकी मां से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहा था। किशन सोचता है कि उसके पिता मर चुके हैं। लेकिन वह जान जाता है कि उसके पिता सूरज मल्होत्रा एक जौहरी थे जिन्होंने अपने साथी को मार डाला और कुछ कीमती गहने लेकर भाग गए। उसकी मां किशन को बताती है कि उसने सूरज को उसके बाद कभी नहीं देखा। वह अब वह अंडरवर्ल्ड में एक गैंगस्टर हैं।
किशन अपने पिता से उनके सभी अपराधों के लिए बदला लेने का फैसला करता है। वह सूरज के एक शक्तिशाली व्यक्ति सावंत (मोहन जोशी) को निशाना बनाता है। इस बीच, किशन का हमशक्ल गोपी पुलिस बल में एक कॉन्स्टेबल के रूप में काम करता है। गोपी की मां, पत्नी (शिल्पा शिरोडकर) और एक बच्चा है। लेकिन उसे कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता है क्योंकि उससे कुछ भी सार्थक करने की हिम्मत नहीं होती है। किशन गोपी से मिलता है और अपने उद्देश्यों के लिए उसका इस्तेमाल करने का फैसला करता है। किशन गुंडों को निपटाना करना शुरू कर देता है, जबकि गोपी को श्रेय मिलना शुरू हो जाता है।
मुख्य कलाकार
- सुनील शेट्टी - गोपीनाथ 'गोपी' / किशन चौधरी
- करिश्मा कपूर - बरखा
- शिल्पा शिरोडकर - चंदा (गोपी की पत्नी)
- सुरेश ओबेरॉय - राजेश्वर चौधरी
- अरुणा ईरानी - गीता चौधरी
- मोहन जोशी - सावंत
- अभिमन्यु सिंह - भूपेन्दर सिंह
- शम्मी - जानकी
- सत्येन कप्पू - पुलिस कमिश्नर
- शिवा रिन्दानी
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "छत्री ना खोल बरसात में" | पूर्णिमा, कुमार सानु | 5:52 |
2. | "हाय हूकु हाय हुकु हाय हाय" | कुमार सानु, पूर्णिमा | 5:19 |
3. | "ये इश्क है क्या रोग बुरा" | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 5:50 |
4. | "बत्ती ना बुझा मुझे लगता" | पूर्णिमा | 6:14 |
5. | "मेरा महबूब आएगा" | अरुण बख्शी, पूर्णिमा | 5:48 |
6. | "आई लव यू आई लव यू" | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 6:59 |