गोकुल सिंह
गोकुल सिंह जाट तिलपत गाँव का सरदार थे। 10 मई 1666 को जाटों व औरंगजेब की सेना में तिलपत में लड़ाई हुई।
लड़ाई में जाटों की विजय हुई।
मुगल शासन ने इस्लाम धर्म को बढावा दिया और किसानों पर कर बढ़ा दिया। वीर गोकुल जाट ने किसानों को संगठित किया और कर जमा करने से मना कर दिया और औरंगजेब के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया। औरंगजेब ने अपने कुछ सेनापतियों के साथ शक्तिशाली सेना भेजी। जाटों और मुगलों में युद्ध हुआ। युद्ध में जाटों की विजय हुई। परंतु युद्ध हारने के बाद औरंगजेब खुद सेना लेके चल दिया और गोकुला और उनके साथियों को बंधी बनाने के लिए बहुत बड़ी सेना भेजी , वीर गोकुल जाट को बन्दी बना लिया गया और 1 जनवरी 1670 को आगरा के किले पर जनता को आतंकित करने के लिये टुकडे़-टुकड़े कर मारा गया। इस तरह वो शहीद हो गए।