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गूलर

गूलर / उडुंबर
फाइकस रेसमोसा Ficus racemosa
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: Plantae
विभाग: Magnoliophyta
वर्ग: Magnoliopsida
गण: Rosales
कुल: Moraceae
वंश: Ficus
जाति: F. racemosa
द्विपद नाम
Ficus racemosa
L., 1753
पर्यायवाची

Ficus glomerata Roxb.

गूलर के फल के अन्दर का दृष्य

गूलर (Ficus racemosa) फिकस कुल (Ficus) का एक विशाल वृक्ष है। इसे संस्कृत में उडुम्बर, बांग्ला में डुमुर, मराठी में औदुंबर, गुजराती में उम्बरा, अरबी में जमीझ, फारसी में अंजीरे आदमसकी शाखाओं में से फल उत्पन्न होते हैं। फल गोल-गोल अंजीर की तरह होते हैं और इसमें से सफेद-सफेद दूध निकलता है। इसके पत्ते लभेड़े के पत्तों जैसे होते हैं। नदी के उदुम्बर के पत्ते और फूल गूलर के पत्तों-फल से छोटे होते हैं।

गूलर, २ प्रकार का होता है- नदी उदुम्बर और कठूमर। कठूमर के पत्ते गूलर के पत्तों से बडे होते हैं। इसके पत्तों को छूने से हाथों में खुजली होने लगती है और पत्तों में से दूध निकलता है।

औषधीय गुण

गूलर शीतल, गर्भसंधानकारक, व्रणरोपक, रूक्ष, कसैला, भारी, मधुर, अस्थिसंधान कारक एवं वर्ण को उज्ज्वल करने वाला है कफपित्त, अतिसार तथा योनि रोग को नष्ट करने वाला है।

  • गूलर की छाल - अत्यंत शीतल, दुग्धवर्धक, कसैली, गर्भहितकारी और वर्णविनाशक है।
  • कोमल फल- स्तम्भक, कसैले, हितकारी, तथा तृषा पित्त-कफ और रूधिरदोष नाशक है।
  • मध्यम कोमल फल - स्वादु, शीतल, कसैले, पित्त, तृषा, मोहकारक एवं वमन तथा प्रदर रोग विनाशक है।
  • तरूण फल - कसैले, रूचिकारी, अम्ल, दीपन, माँसवर्धक, रूधिरदोषकारी और दोषजनक है।
  • पका फल - कसैला, मधुर, कृमिकारक, जड, रूचिकारक, अत्यंत शीतल, कफकारक, तथा रक्तदोष, पित्त, दाह, क्षुधा, तृषा, श्रम, प्रमेह शोक और मूर्छा नाशक है।

नदी उदुम्बर गूलर

गूलर कई तरह गुण वाला तथा रसवीर्य और विपाक में उससे कुछ हीन है। गूलर का एक भेद काकोदुम्बरी अथवा कठूमर है।

संस्कृत - काकोदुम्बरी,

हिंदी - कठूमर,

मराठी - औदुंबर,

बं- काकडुमुर, कालाउम्बर तथा बोखाडा,

गुजराती- टेडौम्बरो,

अरबी - तनवरि,

फारसी - अंजीरेदस्ती,

अंग्रेजी - किगूटी।

गुण- कठूमर स्तम्भक, शीतल, कसैला, तथा पित्तकफ, व्रण, श्वेतकुष्ट, पाण्डुरोग, अर्श, कामला, दाह, रक्तातिसार, रक्तविकार, शोथ, उर्ध्वश्वास एवं त्वग दोष विनाशक है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ