गुदगुदाना
गुदगुदाना शरीर के किसी हिस्से को इस तरह से छूने का कार्य है जो अनैच्छिक मरोड़ या हँसी का कारण बनता है। गुदगुदी त्वचा भर में किसी हल्की उत्तेजना के परिणामस्वरूप होती है। गुदगुदी से संबंधित व्यवहार में मुस्कुराहट, हँसी, ऐंठन और रोंगटे खड़े होना शामिल है। गुदगुदी संवेदना को दो अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। एक पर त्वचा पर हल्की चाल के कारण हल्की कष्टप्रद सनसनी होती है, जैसे कोई कीट के चलने से। दूसरी पर कठोर, गहरे दबाव के कारण शरीर के विभिन्न क्षेत्रों की त्वचा पे छुने पर सुखद, हंसी-उत्तेजक भावना होती है। इन प्रतिक्रियाओं को मनुष्यों और अन्य नरवानर तक ही सीमित माना जाता है।
जबकि हाथ की हथेली स्पर्श के लिए अधिक संवेदनशील है, ज्यादातर लोगों को लगता है कि उनके पैरों के तलवों में सबसे अधिक गुदगुदी होती है। अन्य गुदगुदी के लिये संवेदनाशील क्षेत्रों में बगल, धड़ के किनारे, गर्दन, घुटने, पेट, नाभि और पसलियाँ शामिल होते हैं। गुदगुदी सिर्फ दूसरे के करने से होती है और स्वयं नहीं की जा सकती।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "जानें क्यों होती है हमें गुदगुदी..." आज तक. 7 अगस्त 2016. मूल से 8 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अक्टूबर 2018.