गुजराती लिपि
गुजराती लिपि वो लिपि है जिसमें गुजराती और कच्छी भाषाएं लिखी जाती है।
उत्पत्ति
गुजराती लिपि, नागरी लिपि से व्युत्पन्न हुई है। गुजराती भाषा में लिखने के लिए देवनागरी लिपि को परिवर्तित करके गुजराती लिपि बनायी गयी थी। गुजराती भाषा और लिपि तीन अलग-अलग चरणों में विकसित हुईं - 10 वीं से 15 वीं शताब्दी, 15 वीं से 17 वीं शताब्दी और 17 वीं से 19 वीं शताब्दी। पहले चरण में प्राकृत, अपभ्रंश, पैशाची, शौरसेनी, मागधी और महाराष्ट्री का उपयोग हुआ। दूसरे चरण में, पुरानी गुजराती लिपि व्यापक उपयोग में थी। पुरानी गुजराती लिपि में सबसे पुराना ज्ञात दस्तावेज 1591-92 की आदि पर्व की एक हस्तलिखित पाण्डुलिपि है। यह लिपि पहली बार 1797 के एक विज्ञापन में छपी थी। तीसरा चरण है, आसानी से और तेजी से लेखन के लिए विकसित लिपि का विकास। इसमें शिरोरखा का उपयोग त्याग दिया गया, जो देवनागरी में होता है।
19 वीं शताब्दी तक इसका उपयोग मुख्य रूप से पत्र लिखने और हिसाब रखने के लिए किया जाता था, जबकि देवनागरी लिपि का उपयोग साहित्य और अकादमिक लेखन के लिए किया जाता था। इसे शराफी या वाणियाशाई कहा जाता था। यही लिपि आधुनिक गुजराती लिपि का आधार बनी। बाद में उसी लिपि को पांडुलिपियों के लेखकों ने भी अपनाया। जैन समुदाय ने भी धार्मिक ग्रंथों की प्रतिलिपि बनाने के लिए इसी लिपि के उपयोग को बढ़ावा दिया।
स्वर
स्वतंत्र स्वर | मात्रा | ક पर लगी मात्रा | देवनागरी में तुल्य वर्ण | खड़ी बोली हिंदी में उच्चारण | अ॰ध्व॰व | विशेषक का नाम[1] |
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અ | ક | अ | ə | |||
આ | ા | કા | आ | a | कानो | |
ઇ | િ | કિ | इ | ई | i | ह्रस्व अज्जु |
ઈ | ી | કી | ई | दीर्घ अज्जु | ||
ઉ | ુ | કુ | उ | ऊ | u | ह्रस्व वरड़ुं |
ઊ | ૂ | કૂ | ऊ | दीर्घ वरड़ुं | ||
ઋ | ૃ | કૃ | ऋ | रू | ɾu | |
એ | ે | કે | ए | ऎ, ऐ | e, ɛ | एक मात्र |
ઐ | ૈ | કૈ | ऐ | अय | əj | बे मात्र |
ઓ | ો | કો | ओ | ऒ | o | कानो एक मात्र |
ઔ | ૌ | કૌ | औ | अव | əʋ | कानो बे मात्र |
ઍ | ૅ | કૅ | ऍ | æ | ||
ઑ | ૉ | કૉ | ॵ | ɔ |
व्यंजन
यहाँ प्रस्तुत हैं गुजराती लिपि के व्यंजन उनके हिंदी-देवनागरी और आई पी ए के साथ।
स्पर्श | अनुनासिक | अन्तःस्थ | ऊष्मान् | ||||||||||||||||||
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अघोष | घोष | ||||||||||||||||||||
अल्पप्राण | महाप्राण | अल्पप्राण | महाप्राण | ||||||||||||||||||
कण्ठ्य | ક | क | kə | ખ | ख | khə | ગ | ग | ɡə | ઘ | घ | ɡɦə | ઙ | ङ | ŋə | ||||||
तालव्य | ચ | च | tʃə | છ | छ | tʃhə | જ | ज | dʒə | ઝ | झ | dʒɦə | ઞ | ञ | ɲə | ય | य | jə | શ | श | ʃə |
मूर्धन्य | ટ | ट | ʈə | ઠ | ठ | ʈhə | ડ | ड | ɖə | ઢ | ढ | ɖɦə | ણ | ण | ɳə | ર | र | ɾə | ષ | ष | |
दन्त्य | ત | त | t̪ə | થ | थ | t̪hə | દ | द | d̪ə | ધ | ध | d̪ɦə | ન | न | nə | લ | ल | lə | સ | स | sə |
ओष्ठ्य | પ | प | pə | ફ | फ | phə | બ | ब | bə | ભ | भ | bɦə | મ | म | mə | વ | व | ʋə |
ऊष्मान् | હ | ह | ɦə |
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मूर्धन्य | ળ | ळ | ɭə |
ક્ષ | क्ष | kʃə | |
જ્ઞ | ज्ञ | ɡɲə |
अहमदाबाद की पढ़ी-लिखी बोलिओं में ફ का उच्चार फ़ होता है।
अंक
अन्तरराष्ट्रीय अंक | गुजराती अंक | नाम |
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0 | ૦ | मींडुं या शून्य |
1 | ૧ | एकडो या एक |
2 | ૨ | बगडो या बे |
3 | ૩ | त्रगडो या त्रण |
4 | ૪ | चोगडो या चार |
5 | ૫ | पांचडो या पाँच |
6 | ૬ | छगडो या छ |
7 | ૭ | सातडो या सात |
8 | ૮ | आठडो या आंठ |
9 | ૯ | नवडो या नव |
गुजराती की युनिकोड
गुजराती लिपि को यूनिकोड मानक में अक्टूबर 1991 में संस्करण 1.0 के रिलीज के साथ जोड़ा गया था। गुजराती के लिए यूनिकोड ब्लॉक U+0A80–U+0AFF है:
सँदर्भ
- ↑ (Tisdall 1892, p. 20)