गीशा
गीशा एक चीनी-जापानी शब्द जिसका अर्थ है, 'सुखकर गुणयुक्ता'। जापान में गाने तथा नाचनेवाली ऐसी कुमारियों के लिए यह शब्द प्रयुक्त होता है जो सामाजिक अवसरों पर तथा चायघरों आदि में लोगों का मनोरंजन करती हैं।
गीशा बनने की इच्छुक लड़कियों को बहुत कम अवस्था में ही गीत और नृत्य के साथ साथ उठने बैठने तथा शिष्टाचार की शिक्षा दी जाती है। इस संबंध में ध्यान देने योग्य बात यह है कि गीशा किसी भी अवस्था में पतिता नहीं समझी जातीं। भारत में देवदासियों को जो स्थान मिला था वही गीशाओं को मिला कहा जा सकता है। पर दोनों में कई स्पष्ट भेद हैं। देवदासियों का मुख्य कार्य देवता की सेवा था, जबकि गीशा का कार्य मंदिर आदि की सफाई तथा सज्जा में सहायता देने के अतिरिक्त स्पष्ट रूप से व्यक्तियों का मनोरंजन करना है, चाहे वे व्यक्ति भक्त हों या न हो।
गीशाओं का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उनके साथ उनको शर्तनामे पर हस्ताक्षर करवाकर नियुक्त किया जाता है, पर विवाह के अतिरिक्त वे अन्य किसी भी प्रकार से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त कर सकतीं। राष्ट्र की ओर से गीशा-वृत्ति के लिए शिक्षार्थिणियों तथा गीशाओं दोनों पर कर लगा होता है। शिक्षाÌथणियों पर कर कम होता है।
इसमें संदेह नहीं कि यह पुरुषप्रधान समाज की एक शोषक प्रथा है। अर्थव्यवस्था में स्त्रियों को समान भाग प्राप्त होने के साथ साथ यह प्रथा उठती जा रही है।
बाहरी कड़ियाँ
- Japanese Society Performing Arts [1]*Japanese Dance [2]
- The apprentice geisha (maiko)'s explanation
- Photos of maiko by Naoyuki Ogino
- Photos of geisha and maiko by Lubomir Cernota
- Information on geisha and maiko from Japanlinked.com
- Geisha and Maiko of Gion, photos by François Bergeron
- Geisha and maiko photos by Frantisek Staud