गीर गाय
गीर, भारतीय मूल की गाय है। यह दक्षिण काठियावाड़ में पायी जाती है। गिर प्रजाति की उत्पत्ति गुजरात के काठियावाड़, गिर जंगलों से होती है, और इसे काठियावाड़ी, सुरती, अजमेरा, और रेंडा के नाम से भी जाना जाता है। गिर नस्ल को मुख्यतः उसकी गहरी लाल, भूरी, और काली धब्बों से पहचाना जाता है। गिर पशुओं का दूध उत्पादन उनकी उच्च क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, जो साल में लगभग 2100 लीटर होता है। ये पशु विभिन्न जलवायु के लिए अनुकूलित होते हैं और गर्म स्थानों पर भी आसानी से रह सकतें हैं। भारत की देशी नस्लों में सबसे लम्बे दुग्धकाल वाली गाय की नस्ल गिर है। जो 325 दिन का होता है। [1]
विशेषताएं
गिर भारत के एक प्रसिद्ध दुग्ध पशु नस्ल है। यह गुजरात राज्य के गिर वन क्षेत्र और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के आसपास के जिलों में पायी जाती है। यह गाय अच्छी दुग्ध उत्पादताकता के लिए जानी जाती है। [2]
इस गाय के शरीर का रंग सफेद, गहरे लाल या चॉकलेट भूरे रंग के धब्बे के साथ या कभी कभी चमकदार लाल रंग में पाया जाता है। कान लम्बे होते हैं और लटकते रहते हैं जो पत्तिनुमा आकार के होते है। इसकी सबसे अनूठी विशेषता उनकी उत्तल माथे हैं जो इसको तेज धूप से बचाते हैं। यह मध्यम से लेकर बड़े आकार में पायी जाती है।[3] मादा गिर का औसत वजन 385 किलोग्राम तथा ऊंचाई 130 सेंटीमीटर होती है जबकि नर गिर का औसतन वजन 545 किलोग्राम तथा ऊंचाई 135 सेंटीमीटर होती है। इनके शरीर की त्वचा बहुत ही ढीली और लचीली होती है। सींग पीछे की ओर मुड़े रहते हैं।
यह गाय अपनी अच्छी रोग प्रतिरोध क्षमता के लिए भी जानी जाती है। यह नियमित रूप से बछड़ा देती है।[4]
इन्हे भी पढ़े
- गायों में होने वाले लम्पी त्वचा रोग के लक्षण
- पशुओं में एंथ्रेक्स रोग का नियंत्रण
- पशुओं में बरुसेलोसिस रोग का टीकाकरण
संदर्भ सूची
- ↑ ""Exploring Gir Cows: Characteristics, Origin, and Importance"". The Rajasthan Express (अंग्रेज़ी में). 2024-03-30. अभिगमन तिथि 2024-03-30.
- ↑ "Gir | Dairy Knowledge Portal". www.dairyknowledge.in. अभिगमन तिथि 2024-03-30.
- ↑ "Original Gir Cow Photo: गिर गाय को पहचान कैसे करें ?". NSTFDC.IN (अंग्रेज़ी में). 2024-04-04. अभिगमन तिथि 2024-04-05.
- ↑ "Gyr cattle", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2024-01-28, अभिगमन तिथि 2024-03-30