ग़ज़वा ए अबवा
एक शृंखला का हिस्सा | ||||
मुहम्मद | ||||
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ग़ज़वा -ए- अबवा या ग़ज़वाये अबवा, (अंग्रेज़ी:Patrol of Waddan) सफर 2 हिजरी[1] (623 ईस्वी) के महीने में पहला अभियान[2] था जिसमें मुहम्मद सल्ल॰ ने व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया था।
इस अभियान में मुहम्मद के नेतृत्व में लगभग 70 आदमियों की एक सेना थी। उन्होंने कुरैश कारवां को रोकने के लिए इस अभियान का नेतृत्व किया। लेकिन सेना का सामना नहीं हुआ। इस अभियान के दौरान मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बनू ज़मरा क़बीले वालों के साथ गठबंधन किया। कुल 15 दिनों तक सेना मदीना से बाहर रही। सेना का झंडा सफेद था और हमज़ा इब्न अब्दुल मुत्तलिब सेना के ध्वजवाहक थे।
कारवां छापे 623-624 हुए , जिसके बाद बद्र की लड़ाई हुई। वदन अबवा में हुई अधिकांश लड़ाई झड़पें थीं, कभी-कभी केवल तीर की शूटिंग और कोई हताहत नहीं हुआ, जो बाद में एक बड़े संघर्ष की शुरुआत बन गया।
ग़ज़वा
अरबी शब्द ग़ज़वा [3] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है [4]
बनू ज़मराह के साथ संधि
अभियान के दौरान, मुहम्मद ने बनू ज़मरा जनजाति के साथ गठबंधन की संधि की।इसमें कथन था:
'ये तहरीर मुहम्मद रसूलुल्लाह की तरफ़ से बनू ज़मुरा के लिए है उन लोगों का बनू ज़मरा का माल-ओ-जान महफ़ूज़ रहेगा और अगर कोई उन पर हमला करेगा उनकी मदद की जाएगी लेकिन अगर ये अपने धर्म के लिए लड़ाई करेंगे तो उनकी मदद नहीं की जाएगी। जब पैग़ंबर मुहम्मदﷺ उनको मदद के लिए बुलाऐं तो ये मदद को आएँगे।[5] [6]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी (20 दिसम्बर 2021). "[[अल-हज]]". www.archive.org. पृष्ठ 484. URL–wikilink conflict (मदद)
- ↑ मौलाना मुहम्मद गुफरान रशीदी कैरानवी, ज़ख़ीरा -ए- मालूमात,लेखक:मौलाना मुहम्मद गुफरान रशीदी कैरानवी,पृष्ठ 19, [1]
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
- ↑ सफिय्युर्रहमान मुबारकपुरी, अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "ग़ज़वा -ए- अबवा". www.archive.org. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ Urdu Wikipedia,