गर्भाशय
गर्भाशय | |
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1. गोल लाइगामेंट 2. गर्भाशय 3. गर्भाशय कैविटी 4. गर्भाषय का आंतों से लगा सतह 5. वर्सिकल सतह (ब्लैडर की ओर) 6. गर्भाशय का फंडस 7. गर्भाशय का आकार 8. ग्रीवा कैनाल के पाल्मेट बल 9. ग्रीवा कैनाल 10. पिछला ओष्ठ 11. गर्भाशय ग्रीवा ओएस (बाहरी) 12. गर्भाशय का इस्थमस 13. गर्भाशय ग्रीवा का सुपर्वैजाइनल भाग 14. गर्भाशय ग्रीवा का वैजाइनल भाग 15. आंतरिक ओष्ठ 16. गर्भाशय ग्रीवा | |
लैटिन | Uterus |
ग्रे की शरीरिकी | subject #268 1258 |
धमनी | अंडाशयी शिरा, गर्भाशय शिरा, गर्भाशय शिरा की हेलिसाइन शाखाएं |
शिरा | गर्भाशय धमनियां |
पूर्वगामी | म्यूलरी वाहिनी |
एमईएसएच | {{{MeshNameHindi}}} |
गर्भाशय स्त्री जननांग है। यह 7.5 सेमी लम्बी, 5 सेमी चौड़ी तथा इसकी दीवार 2.5 सेमी मोटी होती है। इसका वजन लगभग 35 ग्राम तथा इसकी आकृति नाशपाती के आकार के जैसी होती है। जिसका चौड़ा भाग ऊपर फंडस तथा पतला भाग नीचे इस्थमस कहलाता है। महिलाओं में यह मूत्र की थैली और मलाशय के बीच में होती है तथा गर्भाशय का झुकाव आगे की ओर होने पर उसे एन्टीवर्टेड कहते है अथवा पीछे की तरफ होने पर रीट्रोवर्टेड कहते है। गर्भाशय के झुकाव से बच्चे के जन्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
गर्भाशय का ऊपरी चौड़ा भाग बाडी तथा निचला भाग तंग भाग गर्दन या इस्थमस कहलाता है। इस्थमस नीचे योनि में जाकर खुलता है। इस क्षेत्र को औस कहते है। यह 1.5 से 2.5 सेमी बड़ा तथा ठोस मांसपेशियों से बना होता है। गर्भावस्था के विकास गर्भाशय का आकार बढ़कर स्त्री की पसलियों तक पहुंच जाता है। साथ ही गर्भाशय की दीवारे पतली हो जाती है।
- स्त्री शरीर रचना का सामने का आरेख
- गर्भधारण के ५-६वें सप्ताह में भ्रूण
- गर्भाशय के वैसल
गर्भाशय की मांसपेशिया
महिलाओं के गर्भाशय की मांसपेशियों को प्रकृति ने एक अद्भुत क्षमता प्रदान की है। इसका वितरण दो प्रकार से है। पहले वितरन के अनुसार लम्बी मांसपेशियां और दूसरे को घुमावदार मांसपेशियां कहते है। गर्भावस्था में गर्भाशय का विस्तरण तथा बच्चे के जन्म के समय लम्बी मांसपेशियां प्रमुख रूप से कार्य करती है। घुमावदार मांसपेशियां बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय को संकुचित तथा रक्त के बहाव को रोकने में प्रमुख भूमिका निभाती है।