गज गामिनी
गज गामिनी | |
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गज गामिनी का पोस्टर | |
निर्देशक | एम एफ़ हुसैन[1] |
लेखक | एम एफ़ हुसैन |
निर्माता | राकेश नाथ |
अभिनेता | माधुरी दीक्षित, शबाना आज़मी, नसीरुद्दीन शाह, शिल्पा शिरोडकर, इंद्र कुमार, तेज सप्रू |
संगीतकार | भूपेन हज़ारिका |
प्रदर्शन तिथियाँ | 1 दिसंबर, 2000 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
गज गामिनी 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। एम एफ़ हुसैन द्वारा लिखित और निर्देशित यह भारतीय फिल्म स्त्रीत्व और उस समय की उनकी कवित्व-शक्ति (muse) माधुरी दीक्षित पर कसीदा है। शाहरुख खान और नसीरुद्दीन शाह भी फिल्म में हैं। यह फिल्म टिकट खिड़की पर बहुत असफल रही थी।
संक्षेप
फिल्म का केंद्रीय चरित्र "गज गामिनी" (माधुरी दीक्षित) नामक किसी रहस्यमय व्यक्ति द्वारा दर्शाया जाता है, जो आम आदमी उत्तेजित, भ्रमित और प्रेरित करती है। "गज गामिनी" लियोनार्डो द विंसी (नसीरुद्दीन शाह) के 'मोना लिसा', कालिदास की कविता "शकुंतला" और शाहरुख (शाहरुख खान) नाम के एक फोटोजर्नलिस्ट के पीछे प्रेरणा है। रहस्यमय "गज गामिनी" चार पात्रों के रूप में प्रकट होती है, उनमें से एक है संगीता जो समय की शुरुआत में बनारस की एक अंधी लड़की है। वह पुरुष-वर्चस्व के खिलाफ विद्रोह करने के लिए गाँव की महिलाओं (फरीदा ज़लाल, शिल्पा शिरोडकर और शबाना आज़मी) को प्रेरित करती है। एक और चरित्र है शकुंतला, जो इसी नाम के कालिदास की कविता का विषय है। शकुंतला ने महिलाओं में ईर्ष्या और पुरुषों में प्यार जगाया। उसने केरल के जंगलों में समान रूप से मनुष्यों और जानवरों को आकर्षित किया। "गज गामिनी" पुनर्जागरण के दौरान मोना लिसा भी है, चित्रकार लियोनार्डो द विंसी के जुनून की वस्तु। अंत में, फिल्म के सबसे भ्रमित क्षेत्र में मोनिका नई सहस्राब्दी की महिला का प्रतिनिधित्व करती हुई मानी जाती है। कामदेव, प्यार का देवता (इंदर कुमार), पूरे इतिहास में धरती पर चलते हैं और "गज गामिनी" के प्यार को जीतने का प्रयास करते हैं।
इस मिश्रण में इतिहास में विभिन्न बिंदुओं पर विज्ञान (आशीष विद्यार्थी) और कला (मोहन आगाशे) के बीच दो अलग-अलग अवधियों और टकरावों को अलग करती काली दीवार है। यह दर्शाता है कि दुनिया बदल सकती है, लेकिन इसके मूल विचार हमेशा वही बने रहेंगे। कला और विज्ञान के बीच टकराव इस विचार को लेकर आता है कि विज्ञान दृढ़ता से सिर्फ उसपर विश्वास करता है जिसे केवल सिद्ध किया जा सकता है, कला का आधार वह है जिसे साबित भी किया जा सकता है और साथ ही अंतर्ज्ञानी भावना से महसूस किया जा सकता है। विज्ञान मस्तिष्क का उपयोग करता है, जबकि कला मस्तिष्क और दिल का उपयोग करती है। फिल्म का एक और पहलू "गठरी" है, एक छोटा बंडल जो महिला अपने सिर पर बोझ की तरह ले जाती है, जिसके साथ उसे हमेशा के लिए चलना होगा।
मुख्य कलाकार
- माधुरी दीक्षित - गज गामिनी/संगीता/शकुंतला/मोनिका/मोना लिसा
- शबाना आज़मी - निर्मला
- नसीरुद्दीन शाह - लियोनार्डो द विंसी
- शिल्पा शिरोडकर - सिन्धु
- इंद्र कुमार - कामदेव
- तेज सप्रू - तानसेन
- फरीदा ज़लाल - नूरबीबी
- मोहन आगाशे - कालिदास
- आशीष विद्यार्थी - वैज्ञानिक
- शाहरुख़ ख़ान - विशेष उपस्थिति
- तनवी हेगड़े - गज गामिनी/बालिका शकुंतला
संगीत
सभी भूपेन हज़ारिका द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "दो सदियों के संगम" | जावेद अख्तर | उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति | 5:22 |
2. | "गज गामिनी" | माया गोविंद | भूपेन हज़ारिका | 4:54 |
3. | "मेरी पायल बोले" | माया गोविंद | कविता कृष्णमूर्ति | 6:51 |
4. | "हमरा हँसा गया विदेश" | माया गोविंद | कविता कृष्णमूर्ति | 6:07 |
5. | "दीपक राग" | माया गोविंद | हरिहरन | 3:25 |
6. | "ये गठरी ताज की तरह" (पुरुष) | एम एफ़ हुसैन | एम एफ़ हुसैन | 2:07 |
7. | "श्लोक" (I) | कालिदास | सुमन देवगन | 1:13 |
8. | "ये गठरी ताज की तरह" (महिला) | एम एफ़ हुसैन | कविता कृष्णमूर्ति | 10:48 |
9. | "श्लोक" (II) | कालिदास | सुमन देवगन | 1:05 |
10. | "प्रोटेस्ट मार्च" | N/A | वाद्य संगीत | 2:59 |
सन्दर्भ
- ↑ "Birthday Special: भूपेन हजारिका के वो गाने जो सदियों तक याद रहेंगे". न्यूज़ 18 इंडिया. 9 सितम्बर 2018. मूल से 4 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 नवम्बर 2018.