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गंडभेरुंड

गंडभेरुंड

गंडभेरुंड एक दैवीय पक्षी जिसका अंकन भारतीय सनातन धर्म में पाया जाता है। इसके एक धड़ गरुड़ के सदृश होता है। यह अपने दोनों चोंच तथा पंजे में हाथी दबोचे अंकित किया जाता है। इसका प्राचीनतम अंकन विजयनगर के आरंभकालिक कतिपय सिक्कों पर पाया जाता है दक्षिण के शैव मंदिरों में उत्सव मूर्तियों के रूप में गंडभेरुंड देखने में आता है। मैसूर रियासत के राजचिन्ह के रूप में इस प्रतीक का प्रयोग हुआ है। इस पक्षी के संबंध में जनश्रुति है कि जब राक्षस हिरण्यकश्यप के मारने के पश्चात् भी जब भगवान नृसिंह का क्रोध शांत नहीं हुआ तब गंडभेरुंड उन्हें अपने पंजे में दबोच कर आकाश में ले उड़ा था।

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