खोरठा भाषा
खोरठा (खोरथा या खोट्टा) एक ऐसी भाषा है जिसे भारतीय राज्य झारखंड में बोली जाता है , मुख्यतः दो डिवीजनों के 13 जिलों में: उतरी छोटानागपुर प्रमण्डल और संथाल परगना । खोरठा न केवल सदानों द्वारा बोली जाती है बल्कि आदिवासी द्वारा एक संपर्क भाषा के रूप में भी प्रयोग की जाती है। यह झारखंड की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
| खोरठा | |
|---|---|
| मगही | |
| बोलने का स्थान | झारखण्ड | 
| तिथि / काल | २०११ की जनगणना | 
| क्षेत्र | उतरी छोटानागपुर प्रमण्डल, संथाल परगना | 
| समुदाय | सादान | 
| मातृभाषी वक्ता | 8.000 मिलियन (लगभग ८० लाख)[1] | 
| भाषा परिवार | |
| लिपि | देवनागरी | 
| राजभाषा मान्यता | |
| नियंत्रक संस्था | कोई संगठन नहीं | 
| भाषा कोड | |
| आइएसओ 639-3 | – | 
खोरठा भाषा झारखंड के दो प्रमंडलों (उत्तरी छोटानागपुर और संथाल परगना) के अधिकांश की मातृभाषा होने के साथ-साथ झारखंड के चौबीस जिलों मे से पंद्रह जिलों की पूणतः और अंशतः संपर्क भाषा है।
सन्दर्भ
- ↑ "Statement 1: Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues - 2011". www.censusindia.gov.in. Office of the Registrar General & Census Commissioner, India. मूल से 16 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-21.