खमेर वास्तुशिल्प (खमेर भाषा : ស្ថាបត្យកម្មខ្មែរ), मुख्यतः मन्दिरों एवं धार्मिक वास्तु के रूप में बचा है क्योंकि उस समय केवल ये ही पत्थर से बनाए गये थे जो अब तक बचे हुए हैं। अन्य वास्तु जो लकड़ी आदि से बने थे, सब काल कवलित हो गये।
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