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क्षार (आयुर्वेद)

क्षार एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका वर्णन कई आयुर्वेदिक ग्रन्थों में मिलता है। यह विभिन्न रोगों की चिकित्सा में प्रयुक्त [1][2]

किया जाता है। 'क्षार' शब्द 'क्षर्' से व्युत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है- पिघलना या गलना (क्षर् स्यन्दने)। आचार्य सुश्रुत ने इसे दोषों को नष्ट करने वाले पदार्थ के रूप में परिभाषित किया है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Thakur abhiram at al , Kshara sutra therapy a new dimension, souvenir-Anusastra 2008, Dept. of Salyatantra, GAC, Tripunitura, Kerala
  2. Ghanekar BG , Susruta Samhita, Sutra sthana 11, ML Publication, New Delhi,1998