क्लब
क्लब(club) दो या उस से अधिक लोगों के ऐसे सामाजिक मे क्लव मे काम करूंगा आखिर डर क्यो लगता है
को कहते हैं जिसके सदस्य आपस में कोई सांझी दिलचस्पी या ध्येय रखते हैं। उदाहरण के लिये किसी क्रिकेट क्लब के सदस्य सभी क्रिकेट के खेल में रुचि रखते हैं और उस से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित करते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि किसी क्लब की व्यवस्था औपचारिक रूप से की गई हो, हालांकि कुछ स्थानों पर क्लबों के चंदे और नेतृत्व से सम्बन्धित चीज़ों के लिये क़ानून बने होते हैं। मानव इतिहास में समाजों की स्थापना होते ही क्लबों की शुरुआत हो गई थी और प्राचीन यूनान से लेकर आज तक यह सिलसिला चलता रहा है।[1]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Historical Commentary on First Corinthians, Sir William Mitchell Ramsay and Mark W. Wilson, Page 99, Kregel Publications, 1996, ISBN 9780825495847, ... Associations or clubs of private individuals were very common in the Greek cities. They often were constituted for some non-religious purpose. They were sometimes benefit societies or burial societies ...