क्रान्तिवीर
क्रान्तिवीर | |
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क्रान्तिवीर का पोस्टर | |
निर्देशक | मेहुल कुमार |
निर्माता | मेहुल कुमार |
अभिनेता | नाना पाटेकर, डिम्पल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेन्जोंगपा, परेश रावल |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ | 22 जुलाई, 1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
क्रान्तिवीर 1994 में बनी हिन्दी भाषा की अपराधिक पृष्ठभूमि की एक्शन फिल्म है। इसका निर्देशन मेहुल कुमार ने किया और फिल्म में नाना पाटेकर, डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेन्जोंगपा और परेश रावल प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह वर्ष की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई, इसके अलावा इसने तीन स्टार स्क्रीन पुरस्कार, चार फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। फिल्म सुपरहिट रही थी।[1]
संक्षेप
प्रताप तिलक (नाना पाटेकर), स्वतंत्रता सेनानी भीष्मनारायण तिलक का पोता है। प्रताप जुआ खेलना शुरू कर देता है। प्रताप की मां दुर्गादेवी (फरीदा ज़लाल) इन सब से गुस्सा रहती है और उसे गांव छोड़ने के लिए कहती है। प्रताप मुंबई आता है जहां वह चॉल मालिक, लक्ष्मीदास (परेश रावल) के बेटे अतुल (अतुल अग्निहोत्री) का जीवन बचाता है। लक्ष्मीदास प्रताप को अपने साथ रखने का फैसला करता है। बड़े होने पे अतुल, ममता (ममता कुलकर्णी) से प्यार करता है जो योगराज (टीनू आनंद) नामक एक बिल्डर की बेटी है। इस बीच प्रताप, प्रेस रिपोर्टर मेघा दीक्षित (डिंपल कपाड़िया) पर हँसता रहता है जो चॉल में रहती है और समाचार पत्रों में लिखकर अन्याय से लड़ना चाहती है। प्रताप लोगों को मजबूत बनना और दूसरे लोगों से मदद की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद के लिए लड़ना सिखाता है।
जबकि चतुरसिंह (डैनी डेन्जोंगपा) और योगराज चॉल पर एक रिसॉर्ट बनाने की योजना बना रहे हैं। वे सांप्रदायिक दंगे, सामूहिक हत्याएँ और लोगों के घरों को जलाते हैं। चतुरसिंह द्वारा लक्ष्मीदास की हत्या कर दी जाती है। प्रताप को ये भी पता चलता है कि चतुरसिंह ने मेघा के माता-पिता की हत्या कर दी थी और उसके साथ बलात्कार किया था। वह मेघा से शादी का प्रस्ताव रखता है। ममता अपने पिता का घर छोड़ती है और अतुल के घर आ जाती है। प्रताप भ्रष्ट मंत्रियों, न्यायाधीश और पुलिस अधिकारी को मारता है। वह पकड़ा जाता है। चतुरसिंह प्रताप को मारने की योजना बनाता है, लेकिन प्रताप के हाथों मारा जाता है। प्रताप के खिलाफ मुकदमा चलता है और उसे फांसी की सजा सुनाई जाती है। आखिरी पल में, उसे फांसी देने से पहले एक वकील आता है, यह बताते हुए कि प्रताप का मृत्युदंड सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया है।
मुख्य कलाकार
- नाना पाटेकर - प्रताप नारायण तिलक
- डिम्पल कपाड़िया - मेघना दीक्षित
- अतुल अग्निहोत्री - अतुल
- ममता कुलकर्णी - ममता
- फरीदा ज़लाल - प्रताप की माँ
- परेश रावल - लक्ष्मीदास
- डैनी डेन्जोंगपा - चतुरसिंह
- टीनू आनंद - योगराज
- मुशताक ख़ान- बब्बनराव देशमुख
- इशरत अली - चंद्रसेन आजाद
- शफ़ी ईनामदार - टीवी साक्षात्कारकर्ता
- सुजीत कुमार - पुलिस कमिश्नर
- विकास आनन्द - हुकुम अली जावेद
- तेज सप्रू - पुलिस इंस्पेक्टर
- विजू खोटे - डा. विश्वनाथ
संगीत
क्रान्तिवीर | ||||
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संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा | ||||
जारी | 1994 (भारत) | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लेबल | वीनस | |||
निर्माता | आनंद-मिलिंद | |||
आनंद-मिलिंद कालक्रम | ||||
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फिल्म के साउंडट्रैक में 6 गाने हैं। समीर द्वारा लिखे गए गीतों के साथ संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा दिया गया है।
गीत | गायक |
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"चुनरी उडी साजन" | कुमार सानु, पूर्णिमा |
"जब से हम तेरे" | कुमार सानु, अलका याज्ञिक |
"जय अम्बे जगदम्बे" | प्रफुल डेव, सपना अवस्थी, सुदेश भोंसले |
"झंकारो झंकारो" | उदित नारायण, सपना अवस्थी |
"लव रैप" | सपना मुखर्जी, सुदेश भोसले, अमित कुमार, पूर्णिमा |
"फूल कली चाँद" | उदित नारायण, साधना सरगम |
नामांकन और पुरस्कार
- राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- 1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - नाना पाटेकर
- 1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार - डिम्पल कपाड़िया
- 1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार -
सन्दर्भ
- ↑ "'क्रांतिवीर' का सिक्वेल". बीबीसी हिन्दी. 24 जून 2010. मूल से 18 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2018.