कोड़मदेसर
कोड़मदेसर | |
— ग्राम — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
निर्देशांक: 28°02′N 73°02′E / 28.03°N 73.04°E
कोड़मदेसर बीकानेर से १५ मील पश्चिम में एक छोटा सा गांव है, जो इसी नाम के तालाब और उसके किनारे स्थापित भैरव की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। भैरव की मूर्ति जांगलू में बसने के समय जब राव बीका जी ने जोधपुर किसी विवाद वश त्याग दिया और नया राज्य बसाने की सोची तो उनके धाभाई राव हेमा गहलोत के पौत्र एवं राव थिरपल के पुत्र जो कुचेरा से मंडोर बसे बाद में स्वंय राव चहायड़ सिंह जी गहलोत(धाभाई) ने मंडोर की प्रसिद्ध कालागोरा भेरूजी मंदिर जो राव हेमा गहलोत द्वारा स्थापित किया गया था ,गहलोत वंश का निजी मंदिर है वंहा से लाकर यहां स्थापित की थी। यहां पर १६वीं तथा १७वीं शताब्दी के चार लेख हैं। इनमें से सबसे प्राचीन लेख तालाब के पूर्व की ओर भैरव की मूर्ति के निकट के कीर्तिस्तंभ की दो ओर खुदा है। यह कीर्तिस्तंभ लाल पत्थर का है तथा इसके चारों ओर देवी-देवताओं की मूर्तियां खुदी है। इस लेख से पाया जाता है कि १४५९ ई० में भाद्रपद सुदि को राव रिणमल के पुत्र राव जोधा ने यह तालाब खुदवाया और अपनी माता कोड़मदे के निमित्त कीर्तिस्तंभ स्थापित करवाया।