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कोटपूतली

कोटपूतली
Kotputli
कोटपूतली is located in राजस्थान
कोटपूतली
कोटपूतली
राजस्थान में स्थिति
निर्देशांक: 27°42′18″N 76°11′28″E / 27.705°N 76.191°E / 27.705; 76.191निर्देशांक: 27°42′18″N 76°11′28″E / 27.705°N 76.191°E / 27.705; 76.191
देश भारत
प्रान्तराजस्थान
ज़िला कोटपूतली-बहरोड़ (राठक्षेत्र)
जनसंख्या (2023)
 • कुल65,000
भाषा-तोरावती,मारवाड़ी,हिंदी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

कोटपूतली (Kotputli) भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर संभाग के कोटपूतली- बहरोड़ (राठक्षेत्र) जिले में स्थित एक शहर है । [1][2]

कोटपूतली भारत के राजस्थान में एक नगर परिषद है,जो की 17 मार्च 2023 को माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा जिला घोषित कर दिया गया है। जो जयपुर और दिल्ली के बीच स्थित है। कोटपूतली का निर्माण मुख्य शहर कोट और पास के गांव पूतली से हुआ था।  प्रारंभ में, दोनों गांव एक ही जिले में विलय होने से पहले मारवाड़ी व्यवसायी परिवार के थे। कोटपूतली में कई ऐतिहासिक मंदिर और स्कूल हैं।  यह ऐतिहासिक रूप से खेतड़ी रियासत (अब अलवर) साम्राज्य का एक हिस्सा था, जिसकी राजधानी महाभारत काल के दौरान पास के शहर बैराठ ( विराटनगर) में थी कोटपूतली में वर्तमान में 91 राजस्व गांव है

स्थान- भारत,राज्य राजस्थान,जिला कोटपूतली

भाषाएं- तोरावती, हिंदी,मारवाड़ी व अन्य

पिन-303108


हाल के वर्षों में बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण कोटपुली की अर्थव्यवस्था फली-फूली है।  उदाहरण के लिए, सरदार स्कूल और सरदार जनाना अस्पताल को स्थानीय निकायों द्वारा तिजोरीवाला परिवार के साथ मिलकर बनाया गया था।  तब से, कोटपूतली में कई स्कूल और अस्पताल बनाए गए हैं।[2][3]

संगठन संपादित करें

कोटपूतली कई सरकारी और गैर-सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों का घर है, जिनमें एनआईएमटी महिला बी.एड कॉलेज (बी.एड की पेशकश), एनआईएमटी तकनीकी और व्यावसायिक कॉलेज (बीए, बीएससी, बीकॉम, एलएलबी, बीएलएलबी की पेशकश), एनआईएमटी प्रबंधन संस्थान शामिल हैं।  (पीजीडीएम की पेशकश), लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, चौधरी टीटी कॉलेज, श्री कृष्णा पीजी लॉ कॉलेज, टैगोर पीजी लॉ कॉलेज, और हंस लॉ कॉलेज और प्रिस्टिन करियर इंस्टीट्यूट (एनईईटी और आईआईटी-जेईई के लिए)। [4]

जनसंख्या संपादित करें

भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार कोटपूतली की जनसंख्या 69,420 थी, जिसमें 26,051 पुरुष और 23,151 महिलाएं थीं।[5]

जनसांख्यिकी संपादित करें

2022 की जनगणना के अनुसार कोटपूतली की जनसंख्या ५२.७% पुरुष और ४७.३% महिलाएँ थीं। [५]  धार्मिक वरीयता के बारे में पूछे जाने पर, ९७.६% क्षेत्र को हिंदू और २.०% मुस्लिम के रूप में पहचाना गया, शेष आबादी में ईसाई, सिख और जैन शामिल हैं।  कोटपुतली की औसत साक्षरता दर ६०.६% है, जो राष्ट्रीय औसत ५९.५% से थोड़ा अधिक है;  पुरुष साक्षरता ७१.५% है, और महिला साक्षरता ४८.६% है। [५]  88.1% आबादी शहर में रहती है, जबकि 11.9% ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।  १५.५% जनसंख्या छह साल से कम उम्र की है। [५]

भूगोल और जलवायुसंपादित करें

कोटपूतली की औसत ऊंचाई 439 मीटर (1,440 फीट) है।

विवरण

कोटपूतली हरियाणा सीमा के पास स्थित है। २००१ के आंकडो के हिसाब से यहाँ की आबादी ४०१५७ थी, जिसमें ५३% पुरुष तथा ४७% महिला थीं। साक्षरता दर ६७% था। कोटपूतली एक बहुत पुरानी और ऐतिहासिक जगह है, जो कोट बस्ती और आसपास के पूतली गांव के विलय से बान है। यह महाभारत काल में मत्स्य (अब अलवर) राज्य की राजधानी विराटनगर (बैराठ) के अधीन था। कोटपूतली तंवर राजपूत पाटन में अपने मूल, सीकर जिले में अब एक छोटे से शहर होने के नाम पर है जो टोरावाटी का एक हिस्सा था। ब्रिटिश काल के दौरान, कोटपूतली खेतड़ी की रियासत के तहत एक निजामत था। खेतड़ी के राजा सरदार सिंह उपस्थित सरदार स्कूल और सरदार जनाना अस्पताल सहित कोटपूतली में कई इमारतों का निर्माण किया। इसका स्थान भी बहुत अच्छा है। यह 79 किलोमीटर दूर अलवर से 105 किलोमीटर दूर जयपुर से और गुड़गांव से 128 किमी दूर है। यात्रा करने के लिए आस-पास के स्थानों पर यह एक तेजी से विकसित शहर है, जिनमें सिलीसेढ़, सरिस्का,विराटनगर,सरूंड माता,भानगढ़ आदि शामिल है। यहां पर सीमेंट उत्पादन के मामले में एशिया की सबसे बड़ी कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट[आदित्य बिरला ग्रुप] का सीमेंट का कारखाना है। गत पंचायती चुनाव के दौरान कोटपूतली पंचायत समिति में से कुछ ग्राम प़ंचायतें निकालकर पावटा नयी पंचायत समिति बनायी गयी है। ग्राम पंचायत रायकरणपुरा के बखराना गांव में स्थित ठाकुर जी का मंदीर है जो दन्त कथानुसार लगभग ६०० वर्ष पुराना है। कोटपूतली तहसील के ग्राम भूरी भड़ाज में ढाणी मंगलदासवाली में ठाकुरजी महाराज का प्राचीन मन्दिर है। इतिहास में यहां खुदाई से ढाणी रहीसा की अमाई के पास रोड़ निर्माण के दौरान 2 प्राचीन मूर्तियां खुदाई से मिली जो वर्तमान में LBS कॉलेज में स्थापित किया गया है जो सिंधु काल के समकालीन मानी जाती है साथ ही एलबीएस कॉलेज की भूमि का दान गुर्जर परिवार की तरफ से किया गया जिसका वारिश आजीवन नौकरी करते हुए मन्ना लाल रिटायर हुवा था कोटपुतली में सारुण्ड वाली माता अपने चमत्कार से प्रसिद्ध है साथ ही छापा वाला भेरू कुहाड़ा गांव का जहा चूरमा जेसीबी से बनाया जाता है लाखो की भीड़ में श्रद्धालु आते है साथ ही देवनारायण के पूर्वज पद्मा पोसवाल कालीन मांडा (पेड़ जहा सादी की गई थी) प्रसिद्ध है जिससे नीचे निकलने से बांझ रोग दूर होता है

इन्हें भी देखें

  • जिला कोटपुतली - बहरोड़

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990