कैलाशनाथ महादेव प्रतिमा
कैलाशनाथ महादेव प्रतिमा दुनिया में महादेव की सबसे बड़ी प्रतिमा है। यह सांगा, नेपाल में भक्तापुर और कावरेपालन चौंक जिलों की सीमा जो काठमांडू से लगभग 20 किमी दूर है, में स्थित है।
मूर्ति 144 फीट (44 मीटर) ऊंची है और इसे बनाने में तांबा, जस्ता, कंक्रीट और स्टील का उपयोग किया गया है। ऊंचाई से मूर्तियों की सूची के अनुसार, कैलाशनाथ महादेव दुनिया के चालीसवें सबसे ऊंची प्रतिमा, अथवा स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी से चार स्थान नीचे।
इतिहास
प्रतिमा का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ और 2011 में पूरा किया गया। कमल जैन और उनकी कंपनी ने इस संरचना के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण योगदान था। कमल जैन, एक उद्यमी जिसने 1992 में "Hilltake" की स्थापना की है, एक कंपनी जो कई उत्पादों, जैसे कि पानी के टैंक के मामलों में नेपाल में काम कर रही थी। इस मूर्ति को हिलटेक ग्रुप और नेपाली अभियांत्रिकी के आधिकारिक चमत्कार के रूप में भी पदोन्नत किया जाता है।
पर्यटन
लगभग 5000 दर्शक इस मूर्ति को एक आम दिन में देखने आते हैं और काफी अधिक अंक में दर्शक छुट्टी और हिन्दू त्योहारों के दिन पर आते हैं। यह कई पत्रिकाओं में ज़रूर देखने वाली जगहों की सूची में आती है और नेपाल के पर्यटन बोर्ड के द्वारा भी स्वीकृत की गयी है। []
दर्शकों के अंक में बढ़ाव होने के कारण, इस प्रतिमा ने नेपाल में दोनों स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन के लिए काफ़ी योगदान दिया है। इसने स्थानीय समुदाय की आर्थिक गतिविधियों को उठाया है और आसपास के गांवों के विकास में महत्वपूर्ण प्रभाव भी लाया है।[]
डिजाइन और निर्माण
इस प्रतिमा के डिजाइन और संरचना एक हिंदू देवता भगवान शिव के समान करने के लिए अनुकूलित किया गया है।
इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 2004 में शुरू किया और 2011 में पूरा किया गया। इसकी फाउंडेशान करीब 100 फीट गहरी है जो की रिज में एक स्थिर संरचना बनाने के लिए आवश्यक था। भूस्खलन के संभावित खतरे के कारण, जमीन स्थिरीकरण के लिए और संरचनाओं को भी बनाया गया था। कई नेपाली इंजिनीयर इसे बनाने में शामिल थे जिसमे एक अनुभवी हिन्दुस्तानी जिसकी खासियत ऐसी बड़ी संरचना का निर्माण / डिजाइन में था, भी शामिल थे।[]