कैनोला
कैनोला, रेपसीड या ब्रैसिका कैम्पेस्ट्रिस की दो फसलों (ब्रैसिका नैपस एल. और बी. कैम्पेस्ट्रिस एल.) में से एक को कहते हैं।[1] इनके बीजों का उपयोग खाद्य तेल के उत्पादन में होता है जो मानव उपभोग के लिए अनुकूल होता है क्योंकि इसमें पारंपरिक रेपसीड तेलों की तुलना में इरुसिक एसिड की मात्रा कम होती है, साथ ही इसका इस्तेमाल मवेशियों का चारा तैयार करने में भी होता है क्योंकि इसमें जहरीले ग्लूकोसाइनोलेट्स का स्तर कम होता है।[2] कैनोला को मूलतः कनाडा में कीथ डाउनी और बाल्डर आर. स्टीफेंसन द्वारा 1970 के दशक की शुरुआत में रेपसीड से प्राकृतिक रूप से उत्पादित किया गया था,[3][4] लेकिन इरुसिक एसिड की काफी कम मात्रा के अतिरिक्त इसके पोषक गुण (न्यूट्रिशनल प्रोफाइल) भी काफी अलग होते हैं।[5] कैनोला का नाम 1978 में "कैने डियन ऑ यल, लो ए सिड" से लिया गया था।[6][7] ब्रैसिका जुन्सिया के विभिन्न लाइनों की क्रॉस-ब्रीडिंग से उत्पन्न लीयर (LEAR) (कम इरुसिक एसिड रेपसीड के लिए) के रूप में जाने जानेवाले एक उत्पाद को भी कैनोला ऑयल के रूप में संदर्भित किया जाता है और इसे खाने के लिए सुरक्षित समझा जाता है।[8]
इतिहास
एक समय कनाडा में एक विशेष फसल माना जाने वाला कैनोला, एक प्रमुख उत्तर अमेरिकी नकदी फसल बन गया है। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति वर्ष 7 से 10 मिलियन टन के बीच कैनोला के बीज का उत्पादन होता है। कनाडा के वार्षिक निर्यात में इसके बीज की कुल मात्रा 3 से 4 मिलियन टन, कैनोला ऑयल की 800,000 टन और कैनोला मील की 1 मिलियन टन होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका कैनोला ऑयल का एक विशुद्ध उपभोक्ता है। कैनोला बीज के बड़े ग्राहकों में जापान, मैक्सिको, चीन और पाकिस्तान शामिल हैं जबकि भारी मात्रा में कैनोला ऑयल और मील संयुक्त राज्य अमेरिका जाता है और इसकी छोटी मात्राएं मैक्सिको, चीन और यूरोप में भेज दी जाती हैं। वर्ष 2002-2003 के मौसम में दुनिया भर में लगभग 14 मिलियन मैट्रिक टन रेपसीड ऑयल का उत्पादन हुआ था।[9]
कैनोला को पारंपरिक पौध प्रजनन (प्लांट ब्रीडिंग) के जरिये रेपसीड से विकसित किया गया था जो प्राचीन सभ्यता में पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा एक तिलहन पौधा था। रेपसीड में "रेप" शब्द लैटिन भाषा के शब्द "रैपम " से आया है जिसका मतलब है शलजम. शलजम, रूटाबागा, पत्तागोभी, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, सरसों और कई अन्य सब्जियाँ कैनोला की आम तौर पर उपजाई जाने वाली दो किस्मों से संबंधित हैं जो ब्रैसिका नैपस और ब्रैसिका रापा की फसलें हैं। "रेप" होमोफ़ोन के कारण नकारात्मक संबंधों के परिणामस्वरूप मार्केटिंग के लिए कहीं अधिक अनुकूल नाम "कैनोला" का सृजन हुआ था। इसके नाम में बदलाव इसे आम रेपसीड ऑयल से अलग करने में भी मदद करता है, जिसमें इरुसिक एसिड की मात्रा कहीं अधिक होती है।
सैकड़ों साल पहले एशियाई और यूरोपीय लोगों ने लैम्पों में रेपसीड ऑयल का इस्तेमाल किया था। चीनी और भारतीय कैनोला ऑयल की एक ऐसी किस्म का इस्तेमाल करते थे जो अपरिष्कृत (प्राकृतिक) था।[10] समय बीतने के साथ-साथ लोगों ने इसका प्रयोग खाना पकाने के तेल के रूप में किया और इसे भोजन सामग्रियों में शामिल किया। भाप शक्ति के विकास तक इसका उपयोग सीमित था जब मशीन चालकों ने अन्य चिकनाई वाली चीजों (ल्युब्रिकैंट्स) की तुलना में रेपसीड ऑयल को पानी या भाप से धोये गए धातु की सतहों से बेहतर चिपकने वाला पाया। द्वितीय विश्व युद्ध में नौसेना और व्यापारी जहाजों में भाप के इंजन की तेजी से बढ़ती संख्या के लिए एक स्नेहक (चिकनाई) के रूप में इस तेल की मांग काफी बढ़ गयी थी। जब युद्ध ने रेपसीड तेल के यूरोपीय और एशियाई स्रोतों को अवरुद्ध कर दिया तो इसकी एक भारी कमी उत्पन्न हो गयी और तब कनाडा ने अपने सीमित रेपसीड उत्पादन का विस्तार करना शुरू कर दिया.
युद्ध के बाद इसकी मांग में तेजी से गिरावट आई और किसानों ने इस पौधे और इसके उत्पादों के अन्य उपयोगों की ओर देखना शुरू कर दिया. खाद्य रेपसीड तेल के तत्वों को 1956-1957 में पहली बार बाजार में उतारा गया लेकिन इन्हें कई अस्वीकार्य गुणों की समस्या का सामना करना पड़ा. रेपसीड तेल में एक विशिष्ट प्रकार का स्वाद था और क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण इसमें एक अप्रिय हरा रंग मौजूद था। इसमें इरुसिक एसिड की एक उच्च सांद्रता भी मौजूद थी। जानवरों पर किये गए प्रयोगों ने इस संभावना पर ध्यान दिलाया कि बड़ी मात्रा में इरुसिक एसिड के सेवन से हृदय को नुकसान पहुँच सकता है, हालांकि भारतीय शोधकर्ताओं ने इन निष्कर्षों तथा यह आशय कि सरसों या रेपसीड तेल का उपभोग खतरनाक है, इनपर सवालिया निशाना लगाने वाली अपनी खोजों को प्रकाशित किया है।[11][12][13][14][15] रेपसीड के पौधे से प्राप्त चारे को ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक तीव्र-स्वाद वाले पदार्थों की उच्च मात्रा के कारण मवेशियों के लिए अच्छा नहीं समझा जाता है।
कनाडा के पौध प्रजनकों (प्लांट ब्रीडर्स) ने, जहाँ 1936 से रेपसीड उगाई जाती है (मुख्य रूप से सस्कतचेवन में), पौधे की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काफी प्रयास किया। 1968 में मैनिटोबा विश्वविद्यालय के डॉ॰ बाल्डर स्टीफेंसन ने इरुसिक एसिड की कम मात्रा वाली रेपसीड की एक किस्म विकसित करने के लिए चयनात्मक प्रजनन विधि का इस्तेमाल किया। 1974 में एक और किस्म विकसित की गयी जिसमें इरुसिक एसिड और ग्लूकोसाइनोलेट्स दोनों की मात्रा कम थी; इसका नाम कैने डियन ऑ यल, लो ए सिड से कैनोला दिया गया।
1998 में विकसित एक प्रकार को कैनोला की अब तक विकसित सबसे अधिक रोग- और सूखा-प्रतिरोधी किस्म माना जाता है। इसे और हाल की अन्य किस्मों का उत्पादन जैव प्रौद्योगिकी (जेनेटिक इंजीनियरिंग) का उपयोग कर किया गया है।
ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने यह निर्धारित किया है कि संकर बीज के लिए सर्दियों में कैनोला का उगाया जाना संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य ओरेगन में संभव प्रतीत होता है। कैनोला उच्चतम-उत्पादन वाली तिलहन की फसल है लेकिन राज्य में इसे डेस्चयूट्स, जेफरसन और क्रूक काउंटियों में इसे उगाये जाने से रोका जाता है क्योंकि यह विशिष्ट बीज फसलों (सीड क्रॉप्स) जैसे कि गाजर से मधुमक्खियों को आकर्षित कर सकता है, जिसके परागन के लिए मधुमक्खियों की आवश्यकता होती है।
कैनोला मूलतः एक ट्रेडमार्क था लेकिन अब तेल की इस किस्म के लिए एक सामान्य शब्द है। कनाडा में कैनोला की एक सरकारी परिभाषा कनाडा के कानून में संहिताबद्ध की गयी है।[16]
कैनोला तेल
कैनोला तेल एक प्रोसेसिंग संयंत्र में रेपसीड की पिसाई कर तैयार किया जाता है। इसके बीज का लगभग 42% हिस्सा तेल होता है। इसके बाद जो बचता है वह रेपसीड मील होता है जो एक उच्च गुणवत्ता वाला पशु चारा है। 22.68 किलोग्राम (50 पाउंड) रेपसीड से लगभग 10 लीटर (2.64 यूएस गैलन) कैनोला तेल तैयार होता है।
हमारे कई खाद्य पदार्थों में कैनोला एक प्रमुख घटक है। एक स्वस्थ तेल के रूप में इसकी ख्याति ने दुनिया भर के बाजारों में इसकी भारी मांग पैदा कर दी है। कैनोला तेल के कई गैर-खाद्य उपयोग भी हैं और यह अक्सर मोमबत्तियाँ, लिपस्टिक, अखबार की स्याही, औद्योगिक चिकनाई और जैव ईंधन (बायो फ्यूल) सहित कई उत्पादों में गैर-नवीकरणीय संसाधनों की जगह लेता है।
कैनोला तेल का औसत घनत्व 0.92 ग्राम/मिलीग्राम (g/ml) है।[17]
स्वास्थ्य संबंधी लाभ
मिश्रित | वर्ग | कुल* का % |
---|---|---|
ओलिक एसिड | ω-9 | 61%[18] |
लिनोलिक एसिड | ω-6 | 21%[18] |
अल्फा-लिनोलेनिक एसिड | ω-3 | |
सान्द्र वसा अम्ल (सैचुरेटेड फैटी एसिड) | 7%[18] | |
पाल्मिटिक एसिड | 4%[19] | |
स्टियरिक एसिड | 2%[19] | |
ट्रांस फैट | 0.4%[20] |
कैनोला तेल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम है जबकि मोनोअनसैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक है और इसमें एक उपयोगी ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद है; इसमें ह्रदय संबंधी स्वास्थ्य के सुविख्यात फायदे हैं[21] और इसे अन्य के साथ-साथ अमेरिकन डाइटेटिक एसोसिएशन और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन सहित कई स्वास्थ्य संबंधी पेशेवर संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है।[22][23][24][25] कैनोला तेल को इसमें मौजूद अनसैचुरेटेड वसा तत्व के कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने की क्षमता के आधार पर इसके योग्यतापूर्ण स्वास्थ्य संबंधी दावे को यू.एस. फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन[26] से मान्यता मिली हुई है।
इरुसिक एसिड
हालांकि जंगली रेपसीड तेल में इरुसिक एसिड काफी मात्रा में मौजूद होता है,[27] जो एक जाना-माना जहरीला पदार्थ है,[28] किसान वाणिज्यिक, खाद्य- श्रेणी के कैनोला तेल का उत्पादन करने के लिए एक ऐसी किस्म उगाते थे जिसमें इरुसिक एसिड की मात्रा 5% से कम होती है, वह स्तर जिससे यह माना जाता है कि मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है[29][30] और ना ही मनुष्यों द्वारा इसे खाए जाने से किसी तरह का स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव जुड़ा हुआ है।[28] हालांकि ई-मेल के जरिये एक अफवाह उड़ाई गयी थी कि कैनोला तेल से स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जबकि ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है कि कैनोला तेल में स्वास्थ्य संबंधी असामान्य जोखिम है और इसे युनाइटेड स्टेट्स फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा खाद्य-श्रेणी में इसके उपयोग को आम तौर पर सुरक्षित माना गया है।[31][29][32][33]
आनुवंशिक संशोधन
वनस्पति (हर्बिसाइड) के प्रति सहनशील आनुवंशिक रूप से विकसित कैनोला को 1995 में पहली बार कनाडा में पेश किया गया था। आज इसे उपजायी जाने वाली जमीन के 80% में आनुवंशिक रूप से रूपांतरित कैनोला उगाई जाती है।[34] 2010 के एक अध्ययन में नार्थ डकोटा में 80% जंगली या "फ़ेरल" किस्मों को ट्रांसजीन्स के रूप में पाया गया, जिसका मतलब यह हुआ कि इनमें से 80% "आनुवंशिक रूप से रूपांतरित" या आनुवंशिक रूप से विकसित किस्में थीं। शोधकर्ताओं ने कहा था कि "हमने इस तरह के पौधों [जिनमें ट्रांसजीन्स मौजूद थे] का उच्चतम घनत्व कृषि योग्य खेतों के पास और प्रमुख स्वतंत्र रास्तों में पाया, लेकिन हमें शून्य क्षेत्रों (नोव्हेयर) के मध्य में भी इस तरह के पौधे मिले थे”, इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि “समय के साथ... फ़ेरल [प्राकृतिक] कैनोला और इसके निकटतम संबंधी खर-पतवारों में वनस्पति संबंधी प्रतिरोध के विभिन्न प्रकारों का विकास... वनस्पतियों के इस्तेमाल से इन पौधों के प्रबंधन को कहीं अधिक मुश्किल बना सकता था।"[35]
कानूनी मुद्दे
आनुवंशिक रूप से संशोधित कैनोला विवाद और निरंतर कानूनी लड़ाइयों का एक केंद्र बन गया है। एक हाई-प्रोफ़ाइल मामले (मोन्सान्टो कनाडा इंक. बनाम श्मेज़र) में मोन्सान्टो कंपनी ने अपने खेतों को मोन्सन्टो के पेटेंट्शुदा राउंडअप रेडी ग्लाइफ़ोसेट-टोलेरेंट कैनोला से संदूषित कर दिये जाने पर पर्सी श्मेज़र के खिलाफ़ पेटेंट संबंधी उल्लंघन का एक मुकदमा दायर कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने यह फ़ैसला सुनाया कि पर्सी ने मोन्सान्टो के पेटेंट का उल्लंघन किया था क्योंकि उसने जान-बूझकर इन फ़सलों को उस जमीन पर उगाया था, लेकिन उसे मोन्सान्टो को हुए नुकसानों का भुगतान करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उसे इसकी उपस्थिति से कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ था।[36] 19 मार्च 2008 को श्मेज़र और मोन्सान्टो कनाडा इंक एक अदालत के बाहर समझौते के लिये सामने आये जिसके द्वारा मोन्सान्टो को संदूषन की सफ़ाई की लागत के लिये भुगतान करना था जिसका कुल योग 660 कनाडाई डालर हुआ था।[37]
आनुवंशिक रूप से संशोधित फसल के उत्पादन की शुरुआत से ऑस्ट्रेलिया में काफी विवाद पैदा हो रहा है।[38] कैनोला ऑस्ट्रेलिया की तीसरी सबसे बड़ी फसल है और इसे गेहूं के किसानों द्वारा मिट्टी की गुणवता में सुधार के लिए एक अंतराल वाली फसल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 2008 तक ऑस्ट्रेलिया की आनुवांशिक रूप से संशोधित गैर-खाद्य फसलों में में सिर्फ कारनेशन (गुलनार) और कॉटन (कपास) का नाम शामिल था। वर्ष 2003 में ऑस्ट्रेलिया के जीन प्रौद्योगिकी नियामक ने हर्बिसाइड ग्लुफोसाइनेट अमोनियम के प्रति इसे प्रतिरोधी बनाने के लिए संशोधित कैनोला की रिलीज को मान्यता दी थी।[39]
अन्य तथ्य
- अल्बर्टा, मैनिटोबा और सास्केश्वान में उगाई जाने वाली कैनोला की फसलों में 82% जीएम (आनुवंशिक रूप से संशोधित) हर्बिसाइड टोलेरेंट किस्में हैं।[40]
- 2004 में उत्तरी डकोटा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में कैनोला के 91% का उत्पादन किया था।[41]
- रेपसीड ब्लोसम मधुमक्खियों के लिए पराग का एक प्रमुख स्रोत है।
- कैनोला तेल जीवाश्म ईंधनों के लिए एक नवीकरणीय विकल्प, बायोडीजल के उत्पादन के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
- दुनिया भर में कैनोला के व्यापार के लिए मुख्य मूल्य-निर्धारण तकनीक आईसीई फ्यूचर्स कनाडा (पहले विनीपेग कमोडिटी एक्सचेंज) कैनोला फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट है। रेपसीड का कारोबार यूरोनेक्स्ट एक्सचेंज पर होता है।
इन्हें भी देखें
- खाना पकाने का तेल
- रेपसीड
- यू का त्रिकोण
सन्दर्भ
- ↑ Brown, J; Thill DC; Brown AP; Mallory-Smith C; Brammer TA & Nair HS (1996). "Gene transfer between canola (Brassica napus L.) and related weed species". Annals of Applied Biology. 129 (3): 513–22. डीओआइ:10.1111/j.1744-7348.1996.tb05773.x. मूल से 21 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ "Canola". infoplease.com. मूल से 27 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29.
- ↑ "Richard Keith Downey: Genetics". science.ca. 2007. मूल से 20 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29.
- ↑ Storgaard, AK (2008). "Stefansson, Baldur Rosmund". The Canadian Encyclopedia. मूल से 7 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29.
- ↑ Barthet, V. "Canola". The Canadian Encyclopedia. मूल से 7 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29.
- ↑ "What is canola?". A problem with weeds – the canola story. Biotechnology Australia (Australian Government). मूल से 20 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
- ↑ Klahorst, Suanne J. (1998). "Dreaming of the Perfect Fat". Food Product Design (Virgo Publishing). मूल से 30 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
- ↑ "Low Erucic Acid Rapeseed (Lear) Oil Derived From Canola-quality Brassica juncea (L.) CZERN. Lines PC 97-03, PC98-44 AND PC98-45". Health Canada. मूल से 12 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-29. पाठ "2003-03-27" की उपेक्षा की गयी (मदद)
- ↑ USDA. "Agricultural Statistics 2005" (PDF). मूल (pdf) से 29 सितंबर 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2010.
- ↑ उड़ू इरास्मस द्वारा फैट्स दैट हील, फैट्स दैट किल .
- ↑ Ghafoorunissa (1996). "Fats in Indian Diets and Their Nutritional and health Implications". Lipids. 31: S287–S291. PMID 8729136. डीओआइ:10.1007/BF02637093.
- ↑ Shenolikar, I (1980). "Fatty Acid Profile of Myocardial Lipid in Populations Consuming Different Dietary Fats". Lipids. 15 (11): 980–982. डीओआइ:10.1007/BF02534427.
- ↑ Bellenand, JF; Baloutch, G; Ong, N; Lecerf, J (1980). "Effects of Coconut Oil on Heart Lipids and on Fatty Acid Utilization in Rapeseed Oil". Lipids. 15 (11): 938–943. डीओआइ:10.1007/BF02534418.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ Achaya, KT (1987). "Fat Status of Indians - A Review". Journal of Scientific & Industrial Research. 46: 112–126.
- ↑ Indu, M; Ghafoorunissa (1992). "n-3 Fatty Acids in Indian Diets - Comparison of the Effects of Precursor (Alpha-Linolenic Acid) Vs Product (Long chain n-3 Poly Unsaturated Fatty Acids)". Nutrition Research. 12: 569–582. डीओआइ:10.1016/S0271-5317(05)80027-2.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ "Canola Varieties". Canola Growers Manual. Canola Council of Canada. मूल से 7 अगस्त 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-04-12.
- ↑ सेक्शन 3.1 में: लिकिंग टैंक एक्सपेरिमेंट्स विथ ऑरीमुल्शन ™ एंड कैनोला ऑइल एनओएए टेक्नीकल मेमरैन्डम एनओएस ओआर&आर 6. राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन की ओशियन सेवा. दिसंबर 2001.
- ↑ अ आ इ ई "Comparison of Dietary Fats Chart". Canola Council of Canada. मूल से 6 जून 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ अ आ इ मानक संदर्भ के लिये यूएसडीए नेशनल नूट्रीअन्ट डाटाबेस, जारी 21 (2008)
- ↑ मानक संदर्भ के लिये यूएसडीए नेशनल नूट्रीअन्ट डाटाबेस, जारी 22 (2009)
- ↑ de Lorgeril, M; Salen, P (2006-02-09). "The Mediterranean-style diet for the Prevention of Cardiovascular Diseases". Public Health Nutr: 118–23.
- ↑ "Canola Oil: Good for Every Body" (PDF). American Dietetic Association. 2006. मूल (PDF) से 24 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ "Know Your Fats". American Heart Association. 2008. मूल से 9 जुलाई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ "Protect Your Heart: Choose Fats Wisely" (PDF). American Diabetes Association. 2004. मूल (PDF) से 12 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ "AAFP 2006-Changing the Landscape of Chronic Disease Care". American Association of Family Physicians 2006 Scientific Assembly. 2006. मूल से 29 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ "Qualified Health Claims, Letter of Enforcement Discretion U.S. Food and Drug Administration". 2006. मूल से 17 जून 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-03.
- ↑ doi:10.1007/BF02672436
- ↑ अ आ Reddy, Chada S.; Hayes, A. Wallace (2007). "Foodborne Toxicants". प्रकाशित Hayes, A. Wallace (संपा॰). Principles and methods of toxicology (5th ed.). London, UK: Informa Healthcare. पृ॰ 640. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 084933778X.
- ↑ अ आ यू.एस. डेप्ट. ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस, सीएफआर - कोड ऑफ फेडरल रेगुलेशन टाइटल 21 Archived 2011-07-18 at the वेबैक मशीन अप्रैल 1, 2010,
- ↑ The Commission of the European Communities (1980). "Commission Directive 80/891/EEC of 25 जुलाई 1980 relating to the Community method of analysis for determining the erucic acid content in oils and fats intended to be used as such for human consumption and foodstuffs containing added oils or fats". EurLex Official Journal. 254. मूल से 9 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2010.
- ↑ Zeratsky, Katherine (2009). "Canola Oil: Does it Contain Toxins?". Mayo Clinic. मूल से 4 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-02-19.
- ↑ Mikkleson, Barbara and David P. (2005). "Urban Legends Reference Pages: Canola Oil and Rape Seed". Snopes. मूल से 28 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
- ↑ Edell, Dean (1999). "Canola Oil: Latest Internet Hoax Victim". Healthcentral.com. मूल से 12 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
- ↑ "Canola Facts: Why Growers Choose GM Canola". Canola Quick Facts. Canola Council of Canada. मूल से 26 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
GM or transgenic canola varieties have been modified to be resistant to specific herbicides. They are called herbicide-resistant varieties. The plants are modified, but the oil is not modified. It is identical[] to canola oil from non-modified or conventional canola. Herbicide-resistant GM canola is grown on about 80% of the area in western Canada. GM canola was first introduced in 1995.
|quote=
में 458 स्थान पर line feed character (मदद) - ↑ "जीएम प्लांट्स 'इस्टेब्लिशड इन दी वाइल्ड'". मूल से 16 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2010.
- ↑ फेडरल कोर्ट ऑफ अपील ऑफ कनाडॉ॰ Monsanto Canada Inc. v. Schmeiser (C.A.) [2003 2 F.C. 165]. 25 मार्च 2006 को प्राप्त किया गया।
- ↑ "Monsanto vs Schmeiser: In the Spotlight..." मूल से 6 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-05.
- ↑ उदाहरण के लिए Price, Libby (2005-09-06). "Network of concerned farmers demands tests from Bayer". ABC Rural: Victoria. Australian Broadcasting Corporation. मूल से 21 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-10. और "Greenpeace has the last laugh on genetic grains talks". Rural news. Australian Broadcaasting Corporation. 2003-03-13. मूल से 19 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20. Cauchi, Stephen (2003-10-25). "GM: food for thought". Science article. The Age. मूल से 12 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20. भी
- ↑ "GM canola gets the green light". National News. Sydney Morning Herald. 2003-04-01. मूल से 3 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-10-20.
- ↑ "कैनोला काउंसिल ऑफ कनाडा - कैनोला फैक्ट्स: वाई ग्रोवर्स चूज़ जीएम कैनोला". मूल से 26 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2010.
बाहरी कड़ियाँ
- रिव्यू ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा कैनोला ब्रीडिंग प्रोग्राम
- स्वाथिंग एंड हार्वेस्टिंग कैनोला
- कैनोला प्रोडक्शन
- नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी अन्य तेलों से कैनोला ऑयल में फैटी एसिड की मात्रा की तुलना का चित्र.
- सैली फेल्लों; मेरी जी.इंज (2002) [1]. वाइज ट्रेडिशनल्स इन फ़ूड, फार्मिंग एंड दी हिन्लिंग आर्ट्स, प्रकाशक: वेस्टन ए. प्राइस फाउंडेशन.
- यूएसडीए-इआरएस ब्रीफिंग रूम - कैनोला कैनोला के उत्पादन, व्यापार, का सारांश तथा संबंधित यूएसडीए रिपोर्टों के लिंक.