कैंडी
| कैंडी මහනුවර கண்டி | ||
|---|---|---|
| शहर | ||
|  कैंडी झील और सिटी सेंटर | ||
| 
 | ||
| उपनाम: नुवारा (नुवर), सेंकदगल | ||
| ध्येय: वफादार और स्वतंत्र | ||
| देश | श्रीलंका | |
| प्रांत | मध्य प्रांत | |
| जिला | कैंडी जिला | |
| संभागीय सचिवालय | कैंडी संभागीय सचिवालय | |
| सेंकलगदपुरा | 14वीं शताब्दी | |
| कैंडी नगर परिषद | 1865 | |
| संस्थापक | विक्रमबाहु तृतीय | |
| शासन | ||
| • प्रणाली | नगर परिषद | |
| • सभा | कैंडी नगर परिषद | |
| • महापौर | सेना दिशानायके | |
| क्षेत्रफल | ||
| • कुल | 28.53 किमी2 (11.02 वर्गमील) | |
| ऊँचाई | 500 मी (1,600 फीट) | |
| जनसंख्या (2011) | ||
| • कुल | 125,400 | |
| • घनत्व | 4591 किमी2 (11,890 वर्गमील) | |
| वासीनाम | Kandyan | |
| समय मण्डल | श्रीलंका मानक समय (यूटीसी+05:30) | |
कैंडी (सिंहला: මහනුවර, महानुवर; तमिल: கண்டி, कंडी), श्रीलंका का एक प्रमुख शहर है जो कि इसके मध्य प्रांत में स्थित है। यह श्रीलंका के प्राचीन राजाओं के युग की अंतिम राजधानी थी। कैंडी शहर, कैंडी पठार की पहाड़ियों के बीच में स्थित है जो उष्णकटिबंधीय बागानों, मुख्य रूप से चाय के बागानों से आच्छादित है। कैंडी मध्य प्रांत की राजधानी होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और धार्मिक शहर भी है। कैंडी में श्री दलदा मालीगाव या 'पवित्र दंत अवशेष का मंदिर' भी स्थित है जिसे बौद्ध धर्मावलंबी बौद्ध धर्म के कुछ सबसे पवित्र पूजा स्थलों में से एक मानते हैं। 1988 में इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
