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केशव सीताराम ठाकरे

केशव सीताराम ठाकरे

प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे (१७ सितम्बर १८८५ - २० नवम्बर १९७३)[1] एक सत्यशोधक आंदोलन के चोटी के समाज सुधारक और प्रभावी लेखक थे। शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे उनके पुत्र थे .


उनका कर्तृत्व और प्रतिभा अनेकानेक रंगों में पुष्पित-पल्लवित हुई। विचारवंत, नेता, लेखक, पत्रकार, संपादक, प्रकाशक, वक्ता, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, इतिहास संशोधक, नाटककार, सिनेमा पटकथा संवाद लेखक, अभिनेता, संगीतज्ञ, आंदोलनकारी, शिक्षक, भाषाविद, लघु उद्योजक, फोटोग्राफर, टाइपिस्ट, चित्रकार जैसे दर्जनों विशेषण अर्पित करने के बावजूद उनका व्यक्तित्व एक दशांगुल ऊंचा ही रहेगा। उन्होंने खजूर की तरह ऊंचा होने की बजाय वटवृक्ष की तरह अपने व्यक्तित्व को विस्तृत किया। मानो एक ही व्यक्ति ने सौ लोगों का आयुष्यमान जीने का पुरुषार्थ किया हो।

कृतियाँ

प्रबबोधनकार द्वारा रचित महत्वपूर्ण ग्रन्थ निम्नलिखित हैं-

कृतिप्रकार
ऊठ मऱ्हाठ्या ऊठलेखसंग्रह
कुमारिकांचे शापवैचारिक
कोदंडाचा टणत्कारइतिहास शोध
खरा ब्राह्मणनाटक
ग्रामण्याचा साद्यंत इतिहासइतिहास शोध
जुन्या आठवणीललित
टाकलेले पोरनाटक
दगलबाजवैचारिक
देवळाचा धर्म आणि धर्माची देवळेवैचारिक
देवांची परिषदवैचारिक
प्रतापसिंह छत्रपती आणि रंगो बापूजीइतिहास शोध
भिक्षुकशाहीचे बंडइतिहास शोध
रंगो बापूजीचरित्र
पं. रमाबाई सरस्वतीचरित्र
वक्‍तृत्वशास्त्रमाहितीपर
संगीत विधिनिषेधनाटक
शनिमाहात्म्यवैचारिक
शेतकऱ्यांचे स्वराज्यवैचारिक
श्री. संत गाडगेबाबाचरित्र
संगीत सीताशुद्धीनाटक
हिंदू जनांचा ऱ्हास आणि अध:पातअनुवाद

सन्दर्भ

  1. "प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे". मूल से 29 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मई 2015.

बाहरी कड़ियाँ