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केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो

Central Economic Intelligence Bureau
चिह्न of the Central Economic Intelligence Bureau.
संस्था जानकारी
स्थापनाJuly 1985
वैधानिक वयक्तित्वसरकारी : सरकारी संस्था
अधिकार क्षेत्र
संघीय संस्थाIndia
शासी निकायGovernment of India
सामान्य प्रकृति
प्रचालन ढांचा
मुख्यालयNew Delhi, India
संस्था कार्यपालकArchana Ranjan IRS (Income Tax), Director and Special Secretary to the Government of India
मातृ संस्थाDepartment of Personnel and Training
Child agencyInterpol National Central Bureau India branch
जालस्थल
http://www.ceib.nic.in/ceib.htm

केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (Central Economic Intelligence Bureau (CEIB)) भारत की आसूचना एजेंसी है जो आर्थिक अपराधों एवं आर्थिक युद्धों से सम्बन्धित सूचना एकत्र करती है। इसकी स्थापना 1985 में में की गयी थी। यह आर्थिक अपराधों के क्षेत्र में सभी संबंधित एजेंसियों के बीच प्रभावी परस्‍पर क्रिया (इंटरैक्शन) और समन्‍वय सुनिश्‍चित करने के लिए आर्थिक आसूचना हेतु अधिदेशित नोडल एजेंसी है। यह सभी आर्थिक आसूचना के आदान-प्रदान केंद्र के रूप में भी कार्य करता है और राजस्‍व विभाग के भीतर विभिन्‍न एजेंसियों और आसूचना ब्‍यूरो, अनुसंधान और विश्‍लेषण स्‍कंध (रॉ), केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो इत्यादि सहित अन्‍य आसूचना और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच इस तरह के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है।

ब्‍यूरो के अध्‍यक्ष विशेष सचिव एवं महानिदेशक हैं जिनकी सहायता के लिए तीन संयुक्त सचिव स्‍तर के अधिकारी होते हैं जिनमें से एक संयुक्त सचिव (कोफेपोसा) के रूप में और अन्‍य दो उप महानिदेशक (प्रशासन और समन्‍वय) और उप महानिदेशक (आर्थिक आसूचना) के रूप में पदनामित होते हैं।

ब्‍यूरो के तीन स्‍कंध हैं :

  • (क) प्रशासन और समन्‍वय स्‍कंध (एसी) – यह स्‍कंध वित्‍त मंत्री की अध्‍यक्षता में आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) के सचिवालय के रूप में कार्य करता है। यह आर्थिक आसूचना परिषद और कार्य समूह से संबंधित कार्य को देखता है और देश भर में 21 क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषदों के कार्यचलन की निगरानी भी करता है। इसके अतिरिक्‍त यह स्‍कंध ब्‍यूरो के सामान्‍य प्रशासन के लिए भी उत्‍तरदायी होता है।
  • (ख) आर्थिक आसूचना स्‍कंध – यह स्‍कंध और आर्थिक अपराधों जैसे कि नशीले पदार्थों का गैरकानूनी धंधा, तस्‍करी, विदेशी मुद्रा का उल्‍लंघन, जाली मुद्रा की आपूर्ति, हवाला का लेन-देन, स्‍टॉक बाजार में वित्‍तीय जालसाजी, धनशोधन, कर अपवंचन इत्यादि से संबंधित सूचना और आसूचना के केंद्रीय स्‍तर पर आदान-प्रदान का समन्‍वय करता है।
  • (ग) कोफेपोसा स्‍कंध – यह स्‍कंध विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्‍करी निवारण (कोफेपोसा) अधिनियम से संबंधित कार्य देखता है। तस्‍करों और विदेशी मुद्रा के धोखेबाजों को कोफेपोसा अधिनियम, 1994 के तहत एक वर्ष की अवधि के लिए नजरबंद रखा जाता है ताकि उन्‍हें भविष्‍य में किसी प्रकार की प्रतिकूल गतिविधियों में संलिप्‍त होने से रोका जा सके। डीआरआई, प्रवर्तन निदेशालय या सीमा शुल्‍क केंद्रों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों के आधार पर सदस्‍य (सीमा शुल्‍क) के अधीन जांच समिति नजरबंदी पर विचार करती है और सिफारिशें करती है। नजरबंदी आदेश संयुक्‍त सचिव (कोफेपोसा) द्वारा जारी किया जाता है, जिसे उच्‍च न्‍यायालय के तीन आसीन जजों के बने सलाहकार बोर्ड के समक्ष रखा जाता है और फिर इसकी पुष्‍टि माननीय वित्‍त मंत्री द्वारा की जाती है। नजरबंदी आदेश राज्‍य सरकारों द्वारा भी जारी किए जाते हैं। नजरबंद व्‍यक्‍ति अपनी नजरबंदी के विरुद्ध अभ्‍यावेदन कर सकता है, ऐसे अभ्‍यावेदनों पर नजरबंद करने वाला प्राधिकारी और सरकार द्वारा अतिशीघ्र ध्‍यान दिया जाना आवश्‍यक होता है। केंद्र सरकार की ओर से अभ्‍यावेदन पर विचार करने की शक्‍तियां एसएस एंड डीजी, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्‍यूरो को प्रत्‍यायोजित की गई हैं।

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