कृष्य भूमि
भूगोल तथा कृषि के सन्दर्भ में कृष्य भूमि (arable land) उस भूमि को कहते हैं जिसका उपयोग फसल उत्पादन के लिए किया जा सकता हो। इसमें वह सब भूमि आ जाती है जिसमें वार्षिक फसलें उगाई जाती हैं। इसके अलावा अस्थायी चरागाह, कोला (किचन गार्डेन) आदि की भूमि भी इसके अन्दर समाहित है। सन् २००८ में विश्व की सकल कृष्य भूमि का क्षेत्रफल 13,805,153 वर्ग किमी था।
नदियों एवं समुद्र द्वारा जमा की गई मिट्टी सर्वाधिक उर्वर कृष्य भूमि होती है।
अकृष्य भूमि
खेती करने के लिए अनुपयुक्त भूमि में निम्नलिखित में से कोई न कोई कारण होता है-
- ताजे जल के स्रोत का अभाव
- बहुत गर्म (रेगिस्तान)
- अति शीतल (आर्कटिक)
- बहुत पथरीली
- बहुत पहाड़ी
- बहुत नमकीन
- बहुत वर्षा वाली
- बहुत बर्फ वाली
- अति प्रदूषित, या
- अत्यन्त कम पोषक तत्वों वाली
बादलों के कारण पौधों को पर्याप्त प्रकाश न मिल सकने के कारण प्रकाश संश्लेषण नहीं होगा और उत्पादकता घट जाएगी। ऐसी भूमि को बेकार भूमि (वेस्टलैण्ड) भी कहते हैं।
बाहरी कड़ियाँ
- Surface area of the Earth
- Article from Technorati on Shrinking Arable Farmland in the world