किसान
![]() जूनागढ़ के पास एक चावल के खेत में कार्य करती महिला | |
व्यवसाय | |
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व्यवसाय प्रकार | नियुक्ति |
गतिविधि क्षेत्र | कृषि |
विवरण | |
रोज़गार का क्षेत्र | खेत |
कृषक या कृषाण (तद्भव: किसान) एक ऐसा व्यक्ति है जो कृषि में लगा हुआ है, भोजन या कच्चे माल के लिए जीवों को पाल रहा है। यह शब्द साधारणतः उन लोगों पर लागू होता है जो खेती की फसलों, फलोद्यानों, द्राक्षाक्षेत्रों, कुक्कुट या अन्य पशुधन को बढ़ाने का कुछ संयोजन करते हैं। एक कृषक कृषिभूमि का मालिक हो सकता है या दूसरों के स्वामित्व वाली भूमि पर श्रमिक के रूप में कार्य कर सकता है। अधिकांश विकसित अर्थव्यवस्थाओं में, एक "कृषक" साधारणतः एक खेत का मालिक (भूस्वामी) होता है, जबकि खेत के कर्मचारियों को कृषि श्रमिकों के रूप में जाना जाता है। यद्यपि, अन्य पुरानी परिभाषाओं में एक कृषक वह व्यक्ति था जो पौधों, भूमि या फसलों के विकास को बढ़ावा देता है या सुधारता है या श्रम और ध्यान से पशुओं (पशुधन या मछली के रूप में) को बढ़ाता है।
अर्धारबाधिक किसान लघुधारक हैं जिनमें से अधिकांश विकासशील देशों में हैं, और जो आर्थिक रूप से लगभग दो अरब लोगों का पोषण करते हैं। विश्व स्तर पर, महिलाएँ 40% से अधिक कृषि कर्मचारियों का गठन करती हैं।[1]
प्रकार
कुछ देशों में सामान्यतः इस शब्द का उपयोग पशुपालन और उसको बढ़ाने से होता है, जिसमें भेड़, बकरी, घोड़े आदि आते हैं। अमेरिका में इसके लिए रेंचर्स शब्द का उपयोग किया जाता है और ऑस्ट्रेलिया व यूनाइटेड किंगडम में ग्रेजियर्स शब्द प्रचलित है। दुग्ध उत्पादन में लगे लोगों को भी इन देशों में किसान कहा जाता है। इसी के साथ साथ मुर्गियों,बत्तख, हंस na inआदि को बढ़ाने वाले और उनसे मांस, अंडे और पंखों का उत्पादन करने वालों को भी किसान ही माना जाता हैl
कुछ विकसित देशों में किसान शब्द का उपयोग किसी व्यवसायी या पेशेवर के लिए किया जाता है, जिसके पास फसल उगाने के लिए जमीन और रुचि तो होता ही है, पर साथ ही साथ वह लोगों को उसमें काम करने के लिए भी रखता है या किसी के द्वारा उस कार्य को करवाता है।
व्यावसायिक खतरे और कीटनाशक पदार्थ से खतरा
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कृषि कार्य में कई सारे खतरे होते हैं। इनमें खेती करने वाले किसानों को खेत में कई सारे खतरनाक जीव-जन्तुओं का सामना करना पड़ता है। खेत में काम करते समय बिच्छुओं, चीटियों, मधुमक्खियों आदि के काटने का बहुत बड़ा खतरा रहता है। किसानों को बहुत भारी और बड़े मशीनों के साथ काम करना पड़ता है, उनसे भी चोट लगने और मौत होने की भी संभावना रहती है।
इन्हें भी देखें
- कृषि
- पशुपालन
- भारतीय कृषि
- गोलेन्द्र पटेल, हिन्दी साहित्य की नई पीढ़ी के प्रमुख स्तम्भों में से एक एवं कवि व लेखक
सन्दर्भ
- ↑ "SOFA 2017 - The State of Food and Agriculture". www.fao.org. अभिगमन तिथि 2023-01-31.