किशनगढ़ शैली
किशनगढ़ शैली राजस्थान की एक चित्र शैली है। इस चित्रशैली का विकास तो महाराजा मानसिंह के काल में हुआ था, लेकिन बनी-ठनी चित्रशैली है, उसका उद्भव महाराजा सावंत सिंह के शासन काल में हुआ था। किशनगढ़ शैली का समृद्ध काल सावंत सिंह से है, जो नागरीदास के नाम से विख्यात है। इनका काल १६९९ से १७९४ ईस्वी तक माना जाता है। इन्हीं के काल में १७४८-६४ ईस्वी का समय किशनगढ़ शैली का स्वर्ण युग माना जाता है।
लिखित मनीष ताम्बड़
शैली के प्रमुख चित्रकार
इस शैली का प्रमुख चित्रकार मोरध्वज निहालचंद माने जाते हैं जिन्होंने राजस्थान की मोनालिसा कहा जाने वाली बनी-ठनी पेंटिंग बनाई थी जबकि अन्य इस शैली के अमीरचंद, धन्ना, छोटू, बदनसिंह, सीताराम, नानकराम, रामनाथ, सवाईराम जोशी, सीताराम इत्यादि भी प्रमुख चित्रकार हैं।[1][2][3]
किशनगढ़ चित्रशैली के चित्रकारों ने बनी-ठनी को राधा के प्रतीक के रूप में भी चित्रित किया है। बनी-ठनी को एरिक डिकिन्सन ने भारत की मोना लीज़ा कहा है। भारत सरकार के द्वारा बनी-ठनी डाक टिकिट 5 मई 1973 को जारी किया था, जिससे यह पूरे देशभर में प्रसिद्घ हो गई।
किशनगढ़ की बनी-ठनी चित्रशैली में सावंत सिंह के काल में अमरचंद के द्वारा चांदनीरात की संगोष्ठी नामक चित्र बनाया गया था। नागरीदास चित्रकार ने अपनी प्रेयसी बनी-ठनी के अपूर्व प्रेम में प्रेरित होकर अनेक चित्र और आकृतियों का निर्माण करवाया था।
इस शैली को प्रकाश में लाने का श्रेय एरिक डिकिन्सन तथा डॉ फ़ैयाज़ अली को है। किशनगढ़ की इस शैली में कला, प्रेम और भक्ति का सर्वांगीण विकास इस शैली में है। लिखित मनीष ताम्बड़ नीम का खेड़ा बूंदी [4]
शैली की विशेषता
किशनगढ़ चित्रशैली के चेहरे लंबे ,कद लंबा और नाक नुकीली रहती है। स्थानीय गोदोला तालाब तथा किशनगढ़ के नगर से दूर दिखाया जाना भी इस शैली[5] की विशेषता में है। इस शैली में सफेद, गुलाबी व सिंदूरी रंगों में केले के वृक्ष ,झील का दृश्य ,हंस, बतख, सारस, बगुला, तैरती हुई नौकाएं तथा प्रेमालाप करते राधा-कृष्ण का सुंदर चित्रण किया गया है।[6]
- १७६० ईस्वी में राजा सावंत सिंह और बनी-ठनी ,कृष्ण और राधा के तौर पर
- बनी-ठनी राधा के तौर पर १७५० ईस्वी में
सन्दर्भ
- ↑ Bani Thani Archived 2014-07-27 at the वेबैक मशीन britannica.com
- ↑ Kishangarh Miniatures - In Quest Of Divine Love Archived 2017-08-31 at the वेबैक मशीन indiaprofile.com
- ↑ "bbc.co.uk". मूल से 26 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2017.
- ↑ "'Bani Thani': The Indian Mona Lisa". Mintage World (अंग्रेज़ी में). मूल से 16 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ सितम्बर २०१७.
- ↑ "Kishangarh painting | Indian art". Encyclopedia Britannica (अंग्रेज़ी में). मूल से 16 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-04-18.
- ↑ "South Asian arts - Visual arts of India and Sri Lanka (Ceylon)". Encyclopedia Britannica (अंग्रेज़ी में). मूल से 16 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-04-18.