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काली बेईं नदी

काली बेई एक नदी है जो पंजाब के होशियारपुर जिले की मुकेरियां तहसील के ग्राम घनोआ के पास से ब्यास नदी से निकली है और दुबारा 'हरि के छम्ब' में जाकर ब्यास नदी में ही मिल जाती है।

काली बेईं का सिख धर्म के लिए बड़ा धार्मिक महत्व है और इसे पवित्र माना जाता है। यही वह नदी है जिसके किनारे पर सिखों के पहले गुरू नानक देव जी ने 14 साल 9 महीने और 13 दिन व्यतीत किये थे। इसके बाद उन्होंने इसी नदी के तट पर सिख धर्म के मूल मंत्र ‘एक ओंकार सतनाम’ का सृजन किया था।

बलबीर सिंह सीचेवाल नामक एक संत ने एक सौ साठ किलोमीटर लंबी 'काली बेई' नदी को 'जीवित' किया है। पर्यावरण बचाने के लिए नदियों का संरक्षण भी जरूरी है यह उनका दृढ़ विश्वास है।

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